FAKE INVESTMENT योजनाएं चला रहीं 6 कंपनियों का भांडाफोड़ | BUSINESS NEWS

नई दिल्ली। प्रॉपर्टी में निवेश कर रकम दो से तीन गुना करने का झांसा दे कई राज्यों के हजारों लोगों को ठगने वाली 6 कंपनियों का एसटीएफ ने भंडाफोड़ किया है। एसटीएफ ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनसे कंपनियों के दस्तावेज और लोगों के निवेश के हिसाब-किताब से जुड़ी फाइलें बरामद की हैं। तीनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, आईटी एक्ट और अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट से आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।  

एसएसपी एसटीएफ रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि दून निवासी एक व्यक्ति ने साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। कंपनी संचालकों ने प्रॉपर्टी में निवेश के नाम पर एफडी-आरडी के जरिए लोगों से धन जमा कराया और फिर जमा रकम की समय सीमा पूरी होने पर धन लौटाने के बजाय निवेशकों को नई-नई कंपनी में निवेश का झांसा देकर ठगी कर रहे हैं। शिकायत पर एसटीएफ और साइबर थाने की टीम ने जांच-पड़ताल शुरू की। 

इसके तहत एसटीएफ ने एक मकान में दबिश दी। वहां ऑफिस चल रहा था। इसमें आठ-नौ स्थानीय कर्मचारी कंपनी के तीन संचालकों ने रखे थे। पुलिस ने तीनों कंपनी संचालकों को गिरफ्तार कर दफ्तर में रखे गए कंप्यूटरों की पड़ताल की। इसमें पांच और कंपनियों के संचालन का खुलासा हुआ। 

छह कंपनियों को STF ने किया भंडाफोड
प्रॉपर्टी में निवेश कर रकम दो से तीन गुना करने का झांसा देकर कई राज्यों के हजारों लोगों को ठगने वाली छह कंपनियों का एसटीएफ ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस का कहना है कि पकड़े गए आरोपी अलग-अलग नाम से कंपनी बनाते जा रहे थे। तीन से चार साल में रकम दोगुनी कर लौटाने का झांसा दिया जाता था। आरोपियों ने इस तरह अपनी छह कंपनियों की 31 ब्रांच उत्तराखंड, यूपी और दिल्ली में खोलीं। आरोपी इनमें से आठ बंद कर चुके हैं, जबकि शेष ब्रांचों को दून स्थित हेड ऑफिस से संचालित किया जा रहा था। उत्तराखंड में आरोपियों ने दून के अलावा बाजपुर, काशीपुर, कोटद्वार, पौड़ी, लक्सर, हरिद्वार, रुड़की और किच्छा में दफ्तर खोला गया है।

FD पूरी होने पर देते थे बड़ा झांसा 
एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक आरोपी पुराने निवेशकों की एफडी पूरी होने पर उन्हें उससे मिलने वाली रकम को इन्वेस्ट कर बड़े रिटर्न का झांसा देते थे। ऐसे में अधिकांश लोगों का एफडी के बाद आया धन आरोपी अलग-अलग नाम से बनाई कंपनियों में निवेश करा लेते थे। अगर कोई रकम का ज्यादा दबाव बनाता तो उन्हें नए आए ग्राहकों से मिली रकम चुका दी जाती थी। वहीं आरोपी ग्राहकों को यह भी जानकारी नहीं देते थे उनकी रकम प्रॉपर्टी में कहां निवेश की गई है।

RBI से ली जानकारी
इन्वेस्टमेंट कंपनियों के खिलाफ एसटीएफ ने आरबीआई अधिकारियों से जानकारी जुटाई। जिसमें पुष्टि हुई कि आरोपी जमाकर्ता हित संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन कर रहे हैं। आरोपियों के खिलाफ क्लक्टिव इन्वेस्टमेंट स्कीम को लेकर सेबी की गाइडलाइन की जानकारी भी पुलिस जुटा रही है।   

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !