भोपाल। मध्य प्रदेश में चल रही संविदा कर्मचारियों और अधिकारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर अब मंत्री, विधायक और नगरीय निकायों तथा जिला एवं जनपद पंचायतों के अध्यक्षों ने भी सरकार को चिट्ठी लिखी है। इसका असर यह हुआ कि सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संदर्भ में कार्रवाई शुरू कर दी है। जीएडी राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य ने भी अपने विभाग को पत्र लिखा है। कार्रवाई की सूचना सीबी पड़वार उपसचिव ने दी है परंतु यह स्पष्ट नहीं किया कि वो क्या करने जा रहे हैं और कब तक करने जा रहे हैं।
जीएडी राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य ने जीएडी के एसीएस को लिखे पत्र में कहा गया है कि 15 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे संविदा अफसरों, कर्मचारियों ने संविलयन, नियमितिकरण और निष्कासित कर्मचारियों की सेवा में बहाली को लेकर अनुरोध किया है और कहा है कि मांगों पर विचार नहीं किए जाने से असंतोष है।
इनके द्वारा संविदा नीति समाप्त कर सभी को स्थायी कर्मचारी बनाने की मांग की गई है। ऐसा ही पत्र हरदा विधायक कमल पटेल और मुंगावली विधायक बृजेंद्र सिंह यादव ने भी मुख्यमंत्री को लिखा। विधायकों ने कहा है कि जब ये नियमित कर्मचारियों के बराबर काम करते हैं तो फिर इन्हें संविदा का नाम क्यों दिया गया है?
चिट्ठी लिखने वालों में जिला पंचायत अध्यक्ष अशोकनगर व मुंगावली उपचुनाव में बीजेपी की प्रत्याशी रहीं बाईसाहब राव देशराज सिंह, जिला पंचायत खरगोन अध्यक्ष कमला डाबर, नगरपालिका हरदा अध्यक्ष सुरेंद्र जैन, जिला पंचायत सतना अध्यक्ष सुधा सिंह भी शामिल है।
टीकमगढ़ में संविदा कर्मचारियों के बच्चों ने कैंडल मार्च निकाला।
सागर में पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव हड़ताली कर्मचारियों से मिलने पहुंचे।