नई दिल्ली। लोकपाल और किसानों की समस्या की अनदेखी से नाराज अनशन कर रहे समाजसेवी अन्ना हजारे की हालात अब नाजुक होती जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर अन्ना इसी तरह अनशन करते रहे तो कोई अनहोनी भी हो सकती है। गांधीवादी अन्ना हजारे पिछले 5 दिनों से लगातार अनशन कर रहे हैं। छठवें दिन अब उनकी हालत काफी चिंताजनक हो गई है। उनके वजन में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है लेकिन अन्ना अपना अनशन खत्म करने को तैयार नहीं हैं।
लगातार घट रहा है वजन
बुधवार को आंदोलन के छठवें दिन अन्ना की जांच कर रहे डॉ धनंजय ने फिर से उनकी हालत पर अपनी चिंता जाहिर की। डॉ ने बताया कि अन्ना की हालत दिन बढ़ने के साथ ढ़लती ही जा रही है। उनका वजन लगातार घट रहा है और ब्लड प्रेशर अस्थिरता चिंता की बड़ी वजह बनी हुई है। 28 मार्च की सुबह किए गए स्वास्थ्य परीक्षण में अन्ना का कुल 5.3 किलो वजन कम हुआ है। ब्लड प्रेशर सामान्य 120/80 की जगह 140/90 दर्ज किया गया है। कमजोरी लगातार बढ़ रही है जिसके चलते उन्हें अब खड़े होने में भी खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मांगों पर दोबारा होगा विचार
आंदोलन खत्म करने के लिए अब तक की गई सभी कोशिशें नाकाम हुई हैं। सरकार की तरफ से मध्यस्थता करने आए महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन भी तमाम कोशिशों के बाद ये कहकर लौट गए कि मांगों पर दोबारा विचार किया जाएगा।
अन्ना ने छठवें दिन भी सरकार को अपने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा कि वो सभी मांगों पर टाइम-बाउंड लिखित आश्वासन के बाद ही उठेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार कई लोगों को बातचीत के लिए भेज रही है लेकिन अब तक जो बात हुई है वह झूठी है। सरकार ने अब तक कोई ठोस बातचीत नहीं की है।
अंतिम सांस तक चलेगा आंदोलन
अन्ना ने फिर एक बार दोहराया कि जब तक सभी विषयों पर वो संतुष्ट नहीं हो जाते और जब तक उनके शरीर में प्राण हैं, तब तक ये अनशन ऐसे ही चलता रहेगा। सरकार द्वारा भेजे गए ड्राफ्ट के कई मुद्दों पर अन्ना ने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो ये आंदोलन, उनकी अंतिम सांस तक चलेगा।
पुराने चेलों ने छोड़ा साथ
आपको हम बता दें कि इससे पहले कांग्रेस सरकार के दौरान भी अन्ना हजारे ने लोकपाल और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आंदोलन किया था। तब अन्ना के साथ अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, वीके सिंह, मनीष सिसोदिया, योगेद्र यादव के साथ-साथ बाबा रामदेव, श्री श्री रविशंकर जैसे कई संत भी थे। तब आंदोलन में जमकर भीड़ हुई थी लेकिन आज इन में से जहां अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं वहीं वीके सिंह मोदी सरकार में मंत्री हैं और किरण बेदी पुडुचेरी की उपराज्यपाल है। बाबा रामदेव का व्यापार भी कई गुणा बढ़ चुका है। इसके अलावा बाकी सब भी राजनीति में उतर चुके हैं। आंदोलन में मौजूद भीड़ का मानना है कि इस बार अन्ना जी की किसको फिक्र नहीं है। अन्ना जी पांच दिन से अनशन कर किसानों के हक के लिए लड़ रहे है। और कोई भी पिछला साथी उनकी खैर खबर लेने तक नहीं पहुंचा।