
हालांकि सिर्फ 5 फीसदी महिला शिक्षक ही ऐसी रहीं, जिन्होंने माना कि करियर की शुरुआत से उन्हें यौन शोषण नहीं झेलना पड़ा। इस सर्वे में और भी कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। सिर्फ शिक्षिकाएं ही नहीं, बल्कि कई वर्किंग पैरंट्स यहां तक कि सीनियर पदों पर काबिज लोगों ने भी वर्कप्लेस पर अपने साथ हुए शोषण को कबूला। इनमें से कई लोगों के पास तो आपत्तिजनक तस्वीरें भी थीं।
अनुचित कमेंट, सेक्स की डिमांड
NASUWT के सर्वे के मुताबिक, आधी महिला शिक्षकों पर सेक्स संबंधी अनुचित कमेंट किए गए, जबकि कई शिक्षकों से सेक्स की डिमांड की गई। वहीं, इसी हफ्ते नैशनल एजुकेशन यूनियन के एक नेता ने बताया कि अब लड़कियां स्कूल स्कर्ट के नीचे शॉर्ट्स पहनने लगी हैं ताकि उनके क्लासमेट उनकी आपत्तिजनक तस्वीरें न ले सकें।
आपत्तिजनक तस्वीरें लीं, वीडियो भी बनाए
सिर्फ लड़कियां ही नहीं, महिला शिक्षक भी इससे अछूते नही हैं। NASUWT की बर्मिंगम में हुई सालाना कॉन्फ़्रेंस में एक स्टडी सामने रखी गई, जिसमें बताया गया कि करीब 3 फीसदी महिला शिक्षक ऐसी हैं, जिनकी आपत्तिजनक तस्वीरें ली गईं और विडियो बनाए गए।
यौन शोषण के कारण तलाक हो गया
एक शिक्षिका ने खुलासा किया कि उसके डिपार्टमेंट के हेड ने ही उसका यौन शोषण किया और फिर उसने हर तरफ उल्टी-सीधी बातें फैला दीं। इसकी वजह से उस टीचर का तलाक भी हो गया। यौन शोषण की ये घटनाएं अभी भी थमने का नाम नहीं ले रही हैं, लेकिन दुख की बात है कि इन घटनाओं पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।