UNIHOMES की वादाखिलाफी प्रमाणित, रेरा ने जुर्माना ठोका | BUSINESS NEWS

भोपाल। खुद को सबसे प्रतिष्ठित कंपनी बताने वाली नई दिल्ली की रियल एस्टेट फर्म यूनीहोम्स की ग्राहकों के साथ वादाखिलाफी प्रमाणित हो गई है। रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) ग्राहकों की शिकायत के बाद कंपनी पर जुर्माना ठोक दिया है। फैसला दिया गया है कि वो ऐसे सभी ग्राहकों को जिन्हे वादे के अनुसार तय वक्त पर पजेशन नहीं दिया जा सका, प्रतिमाह 5 रुपए प्रति वर्गफीट के अाधार पर हर्जाना दे। डेवलपर ने इसके लिए हामी भर दी है। इतना ही नहीं उसने जुलाई तक सभी को पजेशन देने का आश्वसन दिया है। 

ज्यादातर मामलों की सुनवाई ग्राहक और डेवलपर के बीच हुई अनुबंध शर्तों के आधार पर की गई। कई मामलों में डेवलपर ने विलंब होने की स्थिति में ग्राहकों की ओर से बैंक की ईएमआई भरने की बात कही थी, लेकिन पिछले कई माह से वह ईएमआई नहीं भर रहा था। रेरा के सामने उसने कहा कि वह जल्द ही ईएमआई भरेगा। रेरा के गठन के बाद अब तक ग्राहकों की शिकायत पर करीब 193 मामलों का निराकरण किया गया। उसमें यूनीहोम्स का मामला सबसे अहम माना जा रहा है। 

औसतन हर ग्राहक को मिलेंगे हर माह 5 हजार रुपए 
सी-21 में 1000 वर्गफीट का फ्लैट लेने वाले ग्राहक को हर माह बिल्डर 5 हजार रुपए से ज्यादा का जुर्माना देगा। इसी तरह 6-7 ग्राहक ऐसे हैं, जिनकी बैंक किस्त हर माह रेरा जमा कराएगा। 
इन्हें बनाया पार्टी: एसवीएस बिल्डकॉन, खनेजा प्रॉपर्टीज और यूनीहोम्स के डेवलपर 

बिल्डर से प्लॉट नहीं लिया तो जिम्मेदारी उसकी कैसे 
रेरा ने पिछले दिनों भोपाल के एक डेवलपर के खिलाफ 35 ग्राहकों की शिकायतों का निराकरण किया। शिल्पी होम्स बिल्डर ने इन सभी ग्राहकों को प्लॉट दिए थे। ये सभी डेवलपमेंट न होने के खिलाफ प्राधिकरण गए थे। रेरा ने डेवलपर को जल्द ही डेवलपमेंट कराने के निर्देश दिए, लेकिन इसमें कई ग्राहक ऐसे थे, जिन्होंने किसी मध्यस्थ से मकान लिया था। रेरा ने यह कहकर मामला खारिज कर दिए कि जब उन्होंने डेवलपर को पैसा ही नहीं दिया तो उनकी जिम्मेदारी डेवलपर की कैसे हुई। 

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