
गौरतलब है कि राज्य में आरएसएस से जुड़े करीब 400 स्कूल हैं. पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थो चटर्जी ने बताया, 'हमने 125 ऐसे स्कूलों की पहचान की है जिनके पास नो ऑब्जेशन सर्टिफिकेट (NOC) नहीं है. बंगाल में कुछ स्कूल ऐसे हैं जो प्रदेश के सिलेबस के अनुसार नहीं चल रहे. हमने ऐसे 125 को बंद किया है और दूसरे स्कूलों की भी जांच कर रहे हैं. उसके बाद हम कोई फैसला लेंगे.'
मदरसों के बारे में सवाल पर चटर्जी ने कहा, 'मदरसा मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है. कुछ की जांच की जा रही है. मुझे सही स्थिति पता नहीं है. स्कूल सिलेबस के अनुसार चलना चाहिए, धर्म के आधार पर नहीं.'
बीजेपी नेता विनय कटियार ने बंगाल सरकार के कदम की आलोचना करते हुए कहा, 'संघ के स्कूल में कट्टरवाद नहीं राष्ट्रवाद सिखाया जाता है. कट्टरवादी तो ममता बनर्जी हैं. संघ के स्कूलों में कुछ ग़लत नहीं पढ़ाया जा रहा है और सभी एजुकेशन नॉर्म्स पूरे हैं. पूरे देश में संघ के स्कूल चल रहे हैं, कहीं कोई दिक़्क़त नहीं है. ममता डर गईं हैं, इसलिए वोट बैंक की राजनीति के लिए ये सब कर रही हैं. ममता बनर्जी को अपने फ़ैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए.'
आरएसएस के प्रवक्ता जिस्नु बसु ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि इसके पीछे सरकार का इरादा कुछ और है. यह मामला सिर्फ शिक्षा का नहीं है.' बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार के ऐसे कदमों से विभाजन और बढ़ रहा है.