पाकिस्तान में सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे लाखों लोग | PAKISTAN NEWS

इस्‍लामाबाद। पाकिस्‍तान की 'ना' पाक हरकतों को लेकर आवाज बुलंद हो गई है, ना सिर्फ दुनिया भर में बल्कि पाकिस्‍तान के भीतर भी। सोमवार को देश की राजधानी इस्‍लामाबाद की सड़कों पर लाखों की संख्‍या में पश्‍तुन समुदाय के लोग उतर आए। पिछले महीने एक फर्जी एनकाउंटर में मारे गए पश्तून समुदाय के नकीब महसूद को लेकर लोगों में इस कदर गुस्‍सा है कि वे खुद को पाकिस्‍तान सरकार के खिलाफ खुलकर विरोध-प्रदर्शन करने से रोक नहीं सके।

13 जनवरी को नकीब महसूद की कराची में हत्‍या कर दी गई और कथित रूप से राव अनवर द्वारा की गई जो संदिग्‍ध आतंकियों और अपराधियों का फर्जी एनकाउंटर करने के लिए जाने जाते हैं। नकीब पर लश्‍कर-ए-झांगवी और आइएसआइएस जैसे आतंकी संगठनों के साथ संपर्क में होने का झूठा आरोप लगाया गया था।

रिपोर्टों के मुताबिक, देश भर से लोग विरोध-प्रदर्शन करते हुए इस्‍लामाबाद बाजार के समीप एकत्रित हुए और सरकार से इस मामले में कार्रवाई करने का अनुरोध किया। इसका आयोजन करने वाले मंजूर अहमद ने कहा कि नकीब इस देश में गैर कानूनी रूप से मारा गया पहला पश्‍तुन नहीं था। हमारा खून बहुत बहा है। हालांकि इस हत्‍या के बाद अब हमारे धैर्य ने जवाब दे दिया है। 

विरोध-प्रदर्शन के दौरान, लोगों ने नकीब के मामले में तेजी से न्‍याय और अनवर की गिरफ्तारी की मांग की, जो पहले ही एक सरकारी जांच में जिम्‍मेदार ठहराया जा चुका है। प्रदर्शन स्‍थल पर दूसरे कई अन्‍य लोग भी मौजूद थे, जिन्‍होंने पश्‍तुन समुदाय के साथ पाक सरकार के व्‍यवहार की निंदा की और दुख जताया।

एक आदिवासी नेता वजीर ने कहा, 'आज मैं इस्‍लामाबाद में प्रदर्शन कर सकता हूं मगर अपने गृह नगर में नहीं।' उन्‍होंने आगे कहा, 'हम आज यहां हैं और यह पूछना चाहते हैं कि नकीब जैसे और कितने निर्दोषों को आपने मारा है और कितने सालों से सलाखों के पीछे अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं।'

गौरतलब है कि इससे पहले भी नकीब मामले में इस्‍लामाबाद स्थित प्रेस क्‍लब के बाहर हजारों की संख्‍या में पश्‍तुन समुदाय के लोगों ने एकत्रित होकर मानवाधिकार उल्‍लंघनों का जिक्र करते हुए आजादी के नारे लगाए थे। साथ ही एक लॉन्‍ग मार्च निकालते हुए नकीब के लिए न्‍याय की मांग की थी। वजीरिस्‍तान के युवाओं ने पाकिस्‍तान में धीमी गति से हो रहे पश्‍तुन नरसंहार, मानवाधिकार उल्‍लंघनों और आतंकवाद-सैन्‍यवाद के खिलाफ 26 जनवरी को खैबर पख्‍तुनख्‍वा से मार्च की शुरुआत की थी।

उनका आरोप था कि पाकिस्‍तान का मकसद पश्‍तुन समुदाय को खत्‍म करना और आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी नेतृत्‍व के अभियान के प्रभाव को कम करना है। मार्च में खैबर पख्‍तुनख्‍वा और बलूचिस्‍तान प्रांतों से 10 हजार से ज्‍यादा पश्‍तुन समुदाय के लोगों ने हिस्‍सा लिया था। आपको बता दें कि पाकिस्‍तान के अत्‍याचारों के खिलाफ बलूच समुदाय के लोग भी दुनिया भर में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। 
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