इंदौर। खंडवा के तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर, एनएचडीसी में भूअर्जन और वर्तमान में शहडोल में डिप्टी कलेक्टर डीआर कुर्रे को रिटायरमेंट से एक दिन पहले 29 जनवरी को बर्खास्त कर दिया गया। 30 जनवरी को उनका रिटायरमेंट था। पुराने गबन के मामले में सामान्य प्रशासन विभाग ने यह कार्रवाई की है। शहडोल कलेक्टर नरेश पाल ने इसकी पुष्टि की है।
बर्खास्त होने पर 1 फरवरी को उनका विदाई समारोह भी नहीं हो सका। अब उनका पेंशन प्रकरण भी नहीं बनेगा। सामान्य प्रशासन विभाग से 29 जनवरी को उनकी बर्खास्तगी के आदेश जारी हो गए। उसी दिन से उन्होंने कार्यालय आना भी बंद कर दिया था।
कुर्रे पर आरोप था कि उन्होंने हेराफेरी कर मुआवजा बांटा था। विशेष सत्र न्यायाधीश सीबीआई ने आरोप को सही पाते हुए पांच साल की सजा सुनाई थी। सीबीआई के वकील के मुताबिक दुजराम कुर्रे वर्ष 2006 में हरसूद जिले में भू-अर्जन अधिकारी थे। कुर्रे ने राजस्व निरीक्षक झुन्नूराम बेन की मिली भगत से सरकारी भूमि का साढ़े 16 लाख मुआवजा बांट दिया था।