
मामले की गंभीरता को देखते हुए सलीना सिंह ने तीन बीएलओ बूथ 195 करैया तुर्क के मथुरा लाल नरवरिया (सहायक शिक्षक), बूथ 200 बरखेड़ा अथाई के मनोज शर्मा (सहायक अध्यापक) एवं बूथ 248 बावरौद के नौनीतराम (सहायक अध्यापक) को सस्पेंड कर दिया। जबकि बूथ 01 सुरैल के बीएलओ मनोज यादव (रोजगार सहायक जनपद पंचायत) चंदेरी को शोकॉज नोटिस देकर जवाब मांगा। यदि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की यह बात सामने नहीं आती तो मुंगावली में 41 साल पहले का इतिहास दोहराया जा सकता था। तब 1977 में हुए चुनाव में जनसंघ के चंद्रमोहन रावत ने कांग्रेस के कलेक्टर सिंह दांगी को महज 1100 वोटों से हराया था।
तब एसडीएम सिकरवार को ड्यूटी से हटाया था
सस्पेंड बीएलओ पर आरोप है कि उन्होंने वोटिंग लिस्ट में लापरवाही बरती। यह लिस्ट छह माह पहले ही तैयार हुई थी। इस काम में अशोकनगर कलेक्टर ने मुंगावली विधानसभा उपचुनाव का रिटर्निंग आॅफिसर एसडीएम उदय सिंह सिकरवार को बना दिया था, जिसे गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग ने तत्काल सिकरवार को चुनाव ड्यूटी से हटा दिया था।
एक दिन पहले ही सिंधिया ने भी की थी शिकायत
कोलारस और मुंगावली विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में ऐसे मतदाताओं के नाम एक से अधिक मतदान केंद्रों में दर्ज होने तथा मतदाता सूची में बोगस/फर्जी नाम शामिल होने के संबंध में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह को शिकायत प्राप्त हुई थी। दोनों जगह कलेक्टर्स को वोटर लिस्ट की जांच सौंपी गई। एक दिन पहले ही कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस संबंध में चुनाव आयोग को वोटर लिस्ट की दो-दो सीडी भेजी थीं और आयोग से जांच करने की मांग की थी।