
प्रभात झा और अरविंद भदौरिया की रणनीति फेल
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा को चुनावी रणनीति का माहिर खिलाड़ी माना जाता है। यहां उन्होंने अपने दायरे से आगे निकलकर काम किया परंतु उनकी सारी रणनीति धरी की धरी रह गई। अटेर में चुनाव हार चुके अरविंद भदौरिया यहां विधानसभा प्रभारी थे। उनके पास अवसर था कि वो ज्योतिरादित्य सिंधिया से अटेर का बदला ले पाते परंतु ऐसा कुछ नहीं कर पाए। जिस तरह का काम कोलारस में प्रभारी रामेश्वर शर्मा का दिखाई दिया। भदौरिया का कतई नजर नहीं आया।
केपी यादव समेत 1000 कांग्रेसियों को तोड़ा फिर भी...
भाजपा ने यहां पूरी ताकत लगा दी थी। सिंधिया समर्थक केपी यादव टिकट के दावेदार थे परंतु ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ब्रजेन्द्र यादव को टिकट दे दिया। इससे केपी यादव नाराज हो गए। भाजपा ने इसका पूरा फायदा उठाया और केपी यादव को तोड़ लिया। भाजपा का मानना था कि केपी यादव के साथ बड़ा वोट बैंक आएगा। चुनाव के दौरान भाजपा ने यहां से करीब 1000 कांग्रेसी नेताओं को भाजपा में शामिल होने का दावा किया था परंतु नतीजा।