गुजरात में BJP विधायक को दलितों ने पीटा, सुरक्षागार्ड देखता रहा | NATIONAL NEWS

Bhopal Samachar
गांधीनगर। पाटण जिला कलेक्टर ऑफिस कैम्पस में गुरूवार को आत्मदाह की कोशिश करने वाले दलित भानूभाई वणकर की शुक्रवार रात मौत हो गई। जिसके बाद उनके परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया है। गांधीनगर सिविल अस्पताल के पोस्टमाॅर्टम रूम के बाहर दलित समाज के लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे तभी कड़ी के बीजेपी विधायक करसनभाई सोलंकी मृतक के परिजनों से मिलने वहां पहुंच गए। इसी बीच आक्रोशित भीड़ ने धक्का-मुक्की करते हुए विधायक की पिटाई कर दी। सिविल अस्पताल में मौजूद सुरक्षाकर्मी विधायक को पिटते हुए चुपचाप देखते रहे। पिटाई के बाद विधायक करसनभाई साेलंकी चुपचाप सिविल अस्पताल से भाग निकले।

पुलिस ने कहा- मामले को राजनीतिक रंग दिया जा रहा

शनिवार को भानूभाई वणकर की लाश सिविल अस्पताल में पोस्ट मार्टम के लिए लाई गई। परिवारवालों ने सरकार से अपनी मांगें रखते हुए शव लेने से इनकार कर दिया। मृतक के भाई मनोज ने बताया कि सरकार ने हमारी मांगे मंजूर नहीं की हैं। पोस्टमाॅर्टम रूम के बाहर दिनभर लोगों की भारी भीड़ लगी रही। इस दौरान एसपी वीरेंद्रसिंह यादव ने लोगों को जगह खाली करने काे कहा। एसपी ने बताया कि पुलिस मामले को शांत करने की कोशिश रही है, लेकिन इसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।

दलित समाज की मांग

मृतक भानू को शहीद घोषित कर सरकार उनकी स्मृति में मेमोरियल ट्रस्ट बनवाए और मरणोपरांत अवाॅर्ड की घोषणा करे। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया जाए। इसमें दलित समाज द्वारा सूचित आईपीएस अधिकारियों को शामिल किया जाए। राज्य के राजस्व विभाग, जिला पुलिस अधिकारी और पीआई सहित जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें सस्पेंड किया जाए। परिवार को सहानुभूति के तौर पर 50 लाख रुपए की मदद दी जाए।

सरकार ने किया ये एलान

पूरी घटना की जांच आयोग या एसआईटी जो फैसला परिवार ले उसका गठन कर करवाई जाएगी। दुदखा की जिस जमीन 1955 में सरकार के साथ विवाद था, उस पर कब्जा तो आवेदक का है। उसमें - 7-12 (खतौनी) में उनके परिवार के लोगों के नाम दाखिल किए जाएंगे। भानूभाई के परिवारजनों को पहले चरण में चार लाख की मदद दी जाएगी। कुल 8 लाख रकम दी जानी है।

क्या है पूरा मामला

बता दें कि पाटण जिले के सामी तालुका के दुदखा गांव निवासी भानु वणकर ने लंबे समय से भूमि संबंधी एक मामले के पेंडिंग होने के चलते 15 फरवरी को कलेक्टर आॅफिस में आत्मदाह कर लिया था। कथित तौर पर वणकर ने भूमि संबंधी एक दस्तावेज के काम में देरी के चलते ये कदम उठाया।
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