
मोदी बेवजह ले रहे क्रेडिट
कांग्रेस के सीनियर लीडर शकील अहमद ने कहा कि मोदी ने रविवार को मन की बात प्रोग्राम में दावा किया था कि हज पर मुस्लिम महिलाओं को अकेले भेजने के लिए नियम में उन्होंने बदलाव किया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी यह क्रेडिट लेकर अपने सपोर्टर्स को गुमराह कर रहे हैं। जबकि यह काम सऊदी अरब सरकार ने किया है। मोदी सरकार के आने से पहले भी भारतीय महिलाएं देश के बाहर या भीतर अकेले आने-जाने के लिए आजाद रही हैं। उन्होंने कहा कि हज के नियमों का पालन नहीं किया जाएगा तो सऊदी अरब से उन्हें यात्रा का वीजा ही नहीं मिलेगा।
पर्सनल लॉ बोर्ड ने क्या कहा था?
इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सेक्रेटरी मौलाना अब्दुल हामिद अजहरी ने कहा था कि मुस्लिम महिला का मेहराम के बिना हज जाना पूरी तरह से धार्मिक मसला है। ये ऐसा मुद्दा नहीं है जिसे आप संसद में पारित कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "99 फीसदी महिलाएं और मुस्लिम अपने धर्म को धार्मिक अधिकारियों के कहे मुताबिक मानते हैं न कि पीएम या कोई और के कहे मुताबिक।"
क्या कहा था मोदी ने?
मोदी ने मन की बात प्रोग्राम में कहा था कि अगर कोई मुस्लिम महिला, हज-यात्रा के लिए जाना चाहती थी तो वह मेहरम या अपने पुरुष अभिभावक के बिना नहीं जा सकती थी। दशकों से मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय हो रहा था, लेकिन कोई चर्चा ही नहीं थी। यहां तक कि कई इस्लामिक देशों में भी यह नियम नहीं है, लेकिन भारत में मुस्लिम महिलाओं को यह हक हासिल नहीं था। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बारे में उनकी सरकार ने जरूरी कदम उठाए और 70 साल से चल रही इस परंपरा को खत्म कर दिया। अब मुस्लिम महिलाएं, मेहरम के बिना हज के लिए जा सकती हैं और लगभग 1300 महिलाएं मेहरम के बिना हज जाने के लिए एप्लाई कर चुकी हैं। मोदी ने कहा था कि आमतौर पर हज-यात्रियों के लिए लॉटरी सिस्टम है, लेकिन उन्होंने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय से अकेली महिलाओं को इस प्रॉसेस से बाहर रखने को कहा है और उन्हें स्पेशल कैटेगरी में रखकर प्रायोरिटी देने को कहा है।