
इधर, इस्तीफे के मामले में विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल में कहा कि इस्तीफे के मामले पर गम्भीरता से विचार किया जाएगा और शर्मा की भावनाओं से सरकार को भी अवगत करवाया जाएगा। विधायक डॉ. शर्मा प्रदेश में दो बार हुई डॉक्टरों की हड़ताल से आहत हैं। उन्होंने अपने समर्थकों को के साथ सुबह विधानसभा पहुचकर विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफे का प्रस्ताव सौपां।
डॉ. शर्मा ने तीन पेज के इस्तीफे में उल्लेख किया है कि सेवारत डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान प्रदेश में हुई मौतें और चिकित्सा मंत्री की ओर से हुई बयानबाजी से आहत हैं। शर्मा ने इस्तीफे में लिखा की डॉक्टरों के साथ समझौता हुआ और पहले पालन नहीं हुई और फिर 12 डॉक्टरों के तबादलें कर दिए गए। इसके अलावा शर्मा ने अपने इस्तीफे में यह भी लिखा है कि किसानों के साथ में सरकार की वार्ता हुई और कर्ज माफी की बात की गई लेकिन किसानों की कर्ज माफी भी नहीं हुई है। इन मामलों को लेकर शर्मा ने अपने त्यागपत्र में कहा कि इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सदन में इन मुद्दों पर चर्चा होने चाहिए।