रानी पद्मावती की लाज बचाने तलवार लेकर किले में आईं क्षत्राणियां | NATIONAL NEWS

चित्तौड़गढ़। CONTROVERSIAL FILM PADMAVAT का विरोध और रानी पद्मिनी का इतिहास रविवार को एक बार फिर शहर में बहस का विषय रहा। महिलाओं ने दुर्ग (CHITTORGARH FORT) के जौहर स्थल से शहर स्थित जौहर भवन तक आठ किलोमीटर तक स्वाभिमान रैली निकाली। पैदल व वाहन सवार कई महिलाएं हाथों में तलवारें लिए थीं। वे संजय लीला भंसाली के विरोध और पद्मिनी के सम्मान में जमकर नारे लगा रही थीं। सिनेमाहॉल पर पहुंचकर यह फिल्म नहीं चलाने का संकल्प दिलाया। बाद में राष्ट्रपति व पीएम के नाम प्रशासन को ज्ञापन देकर फिल्म बैन नहीं होने पर इच्छामृत्यु की मांग की गई। 

जौहर क्षत्राणी मंच के बैनरतले तयशुदा कार्यक्रम के तहत महिलाएं सुबह दस बजे से विजयस्तंभ के पास जौहर स्थली पर एकत्र होने लगीं। महिलाओं के एकत्र होने के बाद प. अरविंद भट्‌ट के मंत्रोच्चार के बीच जौहर हवन कुंड में हवन कर पद्मावत फिल्म को नहीं चलने देने का संकल्प लिया गया। डेढ़ बजे महिलाओं की स्वाभिमान रैली शुरू हुई जो रामपोल-पाडनपोल के बाद शहर के मिठाई बाजार, सदर बाजार, गोलप्याऊ होते हुए चंद्रलोक सिनेमाघर पहुंची। यहां करीब 300 महिलाओं के अलावा 100 से अधिक युवकों आदि ने फिल्मकार संजयलीला भंसाली के खिलाफ जमकर नारे लगाए।

राखी बांध दिलाया संकल्प
टॉकीज प्रबंधक सहित कर्मचारियों को बाहर बुलाकर उनको राखी बांधी जिन्होंने भाई बनकार संकल्प लिया कि वे यह फिल्म यहां नहीं चलने देंगे। इसके बाद महिलाओं की रैली किला रोड होते हुए गांधीनगर जौहर भवन पर पहुंचकर सभा में बदल गई।

इच्छा मृत्यु मांग पर यह कहा
सभास्थल पर ही एसडीएम सुरेश खटीक को करीब 200 महिलाओं का हस्ताक्षरयुक्त इच्छा मृत्यु संबंधी ज्ञापन दिया गया जिसमें केंद्र सरकार से कहा गया कि यदि फिल्म रिलीज करने के साथ हमें इच्छा मृत्यु की इजाजत भी नहीं मिलती है तो उसके बाद हमारा संविधान हम खुद लिखेंगे। अब राजनीति की बजाय रजपूती आन-बान दिखाएंगे।

बैनर पर टॉकीज की ओर से यह लिखा
महिलाओं व करणी सेना की ओर से तैयार बैनर भी मुख्य बोर्ड पर टांग दिया गया। इसमें लिखा गया कि मेवाड़ के गौरव का आदर करते हुए पद्मावत फिल्म का चंद्रलोक सिनेमा में प्रदर्शन नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि शहर में यह एकमात्र सिनेमाघर ही चल रहा है।

मेवाड़, मालवा व मारवाड़ के जिलों से आई महिलाएं
पद्मावत फिल्म को पूरे देश में प्रदर्शन से रोकने की मांग पर यहां महिलाओं के प्रदर्शन में मेवाड़ के अलावा मप्र व मारवाड़ तक से भी राजपूत महिलाएं पहुंचीं। भीलवाड़ा से महिला जिलाध्यक्ष प्रतिभा चुंडावत व महामंत्री अनिता शक्तावत की अगुवाई में दो बसों से 110 महिलाएं आईं। अन्य जिलों से भी बस या कारों आदि में महिलाएं पहुंचीं। लगभग अधिकांश महिलाएं लाल रंग या चूनड आदि राजपूती वेश में थी।

पद्मावती के सम्मान में क्षत्राणियां मैदान में
पूरे प्रदर्शन में दर्जनों महिलाओं के हाथों में तलवारें थीं। कुछ युवतियों ने केसरिया बाना भी पहना था। ज्यादातर महिलाएं पैदल चल रही थीं तो कई इसके आगे पीछे वाहनों में भी सवार थीं। महिलाएं फिल्मकार भंसाली के विरोध में जमकर नारे लगाने के साथ पदद्मावती के सम्मान में, सतियों के सम्मान में-क्षत्राणियां मैदान में, जय जौहर-जय चित्तौड़ जैसे नारे लगा रही थीं।

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