विजयवाड़ा। इसे भगवान का चमत्कार कहें या डॉक्टरों की लापरवाही। 7 साल की जिंदा लड़की को डॉक्टरों ने मृत घोषित करके डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया। परिवार वालों ने डॉक्टरों की बात सही मानकार उसके अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली, तभी लड़की होश में आ गई। उसे अस्पताल ले जाया गया। अब लड़की पूरी तरह से स्वस्थ एवं खतरे से बाहर है लेकिन सवाल यह है कि जिस लड़की को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया, उसे वापस जिंदा कैसे घोषित किया जाए।
विजयवाड़ा शाहर के राजेश्वरीपेत की रहने वाली साई दुर्गा कुछ दिन पहले बीमार पड़ गई थी। हालत ज्यादा बिगड़ने पर उसे विजयवाड़ा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के बाद, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। स्टाफ ने डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया। बेटी की दुख में डूबे और सदमे में आए माता-पिता और रिश्तेदारों ने अंतिम संस्कार की तैयारियां भी शुरू कर ली थी।
तभी एक रिश्तेदार ने बच्ची के शरीर में कुछ हरकत देखी। लड़की को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। बच्ची के परिवारवालों ने बेटी को मरा हुआ बता दिए जाने पर अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ काफी रोष व्यक्त किया। अब डॉक्टर्स मामले में लीपापोती करने के लिए लड़की के परिजनों पर ही आरोप लगा रहे हैं।