नाराज संविदा कर्मचारियों ने मंत्रालय के सामने निकाली आक्रोश रैली | EMPLOYEE NEWS

भोपाल। विधिवत चयन प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्त हुए वर्षो से प्रदेश के विभिन्न विभागों और परियोजनाओं, निगम मंडलों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों ने सरकार के द्वारा लगातार संविदा कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किए जाने के विरोध में तथा नियमित किए जाने, जिन संविदा कर्मचारियों को हटा दिया गया है उनको बहाल किए जाने की मांग को लेकर संविदा कर्मचारियों ने आज राज्य शिक्षा केन्द्र से पर्यावास भवन तथा पर्यावास भवन से मंत्रालय तक रैली निकालकर प्रदर्शन कर निगम मंडलों के कर्मचारियों के सातवें वेतनमान की मांग में शामिल होकर संयुक्त रूप से प्रदर्शन किया। 

मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि म.प्र. सरकार ने बिना किसी प्रक्रिया के ग्राम समुदायों और ग्राम पंचायतों के ठहराव प्रस्ताव से नियुक्ति हुए शिक्षाकर्मियों, अध्यापकों, गुरूजियों, पंचायत कर्मियों, दैनिक वेतन भोगियों, अतिथि शिक्षकों को नियमित कर दिया, सारी सुविधाएं दे दी लेकिन विधिवत् चयन प्रक्रिया के माध्यम् से नियुक्त हुए संविदा कर्मचारी अधिकारी जो कि नियमित कर्मचारियों से दुगना काम कर रहे हैं उनको नियमित नहीं किया तथा जिन संविदा कर्मचारियों की संविदा समाप्त कर दी गई थी उनको वापस भी नहीं लिया। 

इस तरह म.प्र. सरकार संविदा कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है जिसको लेकर आज म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के तत्वाधान में संविदा कर्मचारियों के द्वारा राज्य शिक्षा केन्द्र पुस्तक भवन अरेरा हिल्स संविदा आक्रोश रैली निकाली गई और प्रदर्शन किया। यह रैली संविदा कर्मचारियों सहित निगम मंडल के कर्मचारियों, दैनिक वेतन भोगियों को सातवे वेतनमान से वंचित करने, नियमितीकरण नहीं करने, हटाए गऐ संविदा कर्मचारियों को अभी तक बहाल नहीं करने विरोध में उन सभी कर्मचारी संगठनों जिसमें निगम मंडल समन्वयक कर्मचारी अधिकारी महासंघ, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ सहित अनेक कर्मचारी संगठनों के समर्थन में निकालकर शासन की दोहरी नीति के खिलाफ प्रदशन किया।

प्रदर्शन में राज्य शिक्षा केन्द्र, जिला शिक्षा केन्द्र, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, मनरेगा,  स्वच्छ भारत अभियान, मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क विकास प्राधीकरण, आजीविका मिशन, राज्य जल मिशन, राजीव गांधी जलग्रहण मिशन, आईएववाय, आईएपी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, डीआरडीए, आईएलपी , शहरी विकास अभिकरण,  स्वास्थ्य विभाग, आयुष विभाग, राष्ट्रीय ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य मिशन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग, ऊर्जा विभाग, म.प्र. समस्त विघुत वितरण कम्पनी, महिला बाल विकास विभाग, खेल एवं युवक कल्याण विभाग एवं उनकी समस्त योजनाएं, महिला आर्थिक विकास निगम, तेजस्वनी परियोजना, किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग, आदिम जाति एवं सामाजिक न्याय विभाग, वन विभाग, चिकित्सा शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, कौशल विकास केन्द्र,नगरीय प्रशासन विभाग, कुटीर एवं ग्रामोउघोग विभाग, स्कूल शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग,संस्कृति एवं धार्मिक न्यास विभाग, वाणिज्यक कर विभाग, सहकारिता विभाग,सुशासन एवं प्रशासन विभाग, समस्त निगम मण्डल, योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी विभाग, पुलिस हाऊसिंग विभाग, मनरेगा एवं रोजगार सहायक, लोक निर्माण विभाग, पशुपालन विभाग, लोक सेवा एवं प्रबंधन विभाग, ईगर्वनेस विभाग, विकास प्राधीकरण विभाग, पीएचई, हैण्डपंप टैक्निशियन, आवास एवं पर्यावरण विभाग, जनअभियान परिषद, राष्टीय खाद्य मिशन, आत्मा परियोजना, सामाजिक न्याय विभाग विकलांग एवं पुनर्वास केन्द्र, विभिन्न निगम मंडलों के कर्मचारियों ने भाग लिया। 

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