
आर्थिक बदहाली से उबरने के लिए बीएसएनएल यह कवायद कर रहा है। प्रदेश में बीएसएनएल सहित अन्य दूरसंचार कंपनियों की मोबाइल 'रिवेन्यू' में पहली तिमाही में ही करीब 50 फीसदी और लैंडलाइन में 23 फीसदी गिरावट दर्ज हुई थी। दिसंबर तक स्थिति में सुधार नहीं आया, इसलिए गिरते रिवेन्यू को थामने के लिए यह उपाय ढूंढा गया है। मोबाइल सेवाओं में आधी कमाई के नुकसान के साथ लैंडलाइन और ब्रॉडबैंड भी घाटे में चल रहे हैं। उल्लेखनीय है कि शनिवार को बीएसएनएल ने यह निर्णय लिया। बाद में उसने इसे होल्ड कर दिया, लेकिन अगले ही दिन इसे बिना किसी सूचना के लागू कर दिया।
उपभोक्ताओं को लगी चपत
मध्यप्रदेश में पांच लाख 70 हजार से अधिक लैंडलाइन कनेक्शन हैं। ढाई लाख उपभोक्ता ब्रॉडबैंड के हैं। लैंडलाइन पर अभी रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक नाइट फ्री कॉलिंग की सुविधा है। अब इसे रात साढ़े दस से सुबह साढ़े छह तक किया गया है, लेकिन उपभोक्ताओं को बिना सूचना और समय दिए अचानक लागू किए गए इस निर्णय से उन्हें आर्थिक चपत झेलनी पड़ेगी। अब रात 9 बजे से साढ़े दस बजे तक के समय का उपभोक्ताओं को भुगतान करना पड़ेगा। मप्र परिमंडल के चीफ जनरल मैनेजर डॉ. जीसी पांडेय ने इतना भर कहा कि घटती रिवेन्यू के चलते समय का यह बदलाव करना पड़ रहा है।
कटौती की नहीं दी सूचना
फ्री कॉलिंग सुविधा को प्रचारित करने के लिए बीएसएनएल ने शहरों में बड़े-बड़े होर्डिंग लगवाए हैं, अचानक बिना किसी पूर्व सूचना के इसमें कटौती के निर्णय को ग्राहकों के साथ धोखे की तरह भी देखा जा रहा है। बीएसएनएल ने सुविधा में कटौती का न तो ग्राहकों को पूर्व सूचना दी और न ही प्रचार किया। बताया जाता है कि रविवार को दिनभर फ्री कॉलिंग की सुविधा बरकरार रखी गई है।
नहीं बढ़ाया किराया
इस मुद्दे पर बीएसएनएल के प्रधान महाप्रबंधक डॉ. महेश शुक्ल कहते हैं कि अन्य कंपनियां पहले ही अपना टैरिफ बढ़ा चुकी हैं। इसलिए बीएसएनएल ने किराया बढ़ाने के बजाय फ्री कॉलिंग के समय में कटौती का निर्णय लिया।