
शिकायतकर्ता ने बताया कि उसके पिता सुन्हेर चोरिया व माता गीता चोरिया दोनों भिलाई स्टील प्लांट में नौकरी करते थे। दोनों के रिटायर्ड होने के बाद मिली व अन्य रकम समेत कुल 55 लाख रुपए को झुमुक लाल ने अलग-अलग नाम से सांई प्रसाद कंपनी में जमा कराई थी। एजेंटों ने बताया था रकम साढ़े छ साल में दोगुनी हो जाएगी। मियाद पूरी होने के बाद रकम नहीं लौटाई गई। इसे लेकर जब निवेशक ने एजेंट से संपर्क किया तो पता चला कंपनी फरार हो गई है। एजेंट भरोसा दिलाते रहा कि वह महाराष्ट्र में कंपनी के डायरेक्टर से बात कर आया है। निवेशकों का पैसा लौटाया जाएगा। कंपनी के बंद होने के दो साल बाद भी जब पैसा नहीं मिला तो निवेशक ने कांकेर थाना में शिकायत दर्ज करा दी।
POST OFFICE से पता चला था कंपनी की निवेश योजना
मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि निवेशक झुमूल लाल को रकम दोगुना तिगुना करने का लालच एजेंट नहीं बल्कि पोस्ट आफिस के कर्मचारी ने दिया था। निवेशक ने बताया सेवानिवृत्ति के बाद उसके परिवार ने उक्त रकम दल्लीराजहरा के पोस्ट आफिस में जमा कराई थी। वहां के कर्मचारी मनोहरदास मानिकपुरी ने बताया था पोस्ट आफिस से ज्यादा ब्याज सांई प्रसाद ग्रुप में रकम जमा करने पर मिलेगी। इसके बाद उसने कांकेर आकर रकम जमा कराई।
माता-पिता व पुत्र के खिलाफ दर्ज मामला
मामले की जांच कर रहे एसआई संदीप बंजारे ने बताया निवेशक से शिकायत मिलते ही मामले में सांई प्रसाद कंपनी के डायरेक्टर बाला साहेब भांपकर, पत्नी वंदना भांपकर तथा पुत्र शशांक भांपकर तीनों निवासी पुणे महाराष्ट्र के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच जारी है। यदि कोई और इस कंपनी से ठगा गया है तो वह भी शिकायत दर्ज करा सकता है।