
सीएम जयराम के बड़े भाई बीर सिंह बागवान हैं जबकि उनके सबसे बड़े भाई नंत राम बागवान होने के साथ-साथ लकड़ी व पत्थर के एक कुशल मिस्त्री भी हैं। इन दिनों दोनों ही भाई सेब की बेहतर फसल की उम्मीद को लेकर बगीचे में सेब के पौधों की काट-छांट करने के अलावा अन्य आवश्यक कार्यों में व्यस्त हैं।
सीएम के बड़े भाई नंत राम को मिस्त्री का हूनर विरासत में मिला है। वह 17 वर्ष की आयु से लोगों के घरों का निमार्ण कर रहे हैं। उनकी दिनचर्या भी पत्थर तराशने और बागीचों की देखभाल से शुरू होती है। 1998 से विधायक बनकर सत्ता में पहुंचे जयराम ठाकुर का परिवार आज भी ग्रामीण परिवेश में ही पल रहा है।
जयराम ठाकुर के शपथ ग्रहण समारोह में पूरा परिवार शामिल हुआ था लेकिन लौटने के बाद परिवार की दिनचर्या वैसी ही शुरू हो गई है। बड़ा सवाल यह है कि 1998 में विधायक बन जाने के बावजूद जयराम रमेश ने अपनी माँ को चूल्हे की जानलेवा प्रक्रिया से मुक्त क्यों नहीं करवाया।