चुनाव में मतदाता ही “बाप” होता है | EDITORIAL

राकेश दुबे@प्रतिदिन। और गुजरात और हिमाचल में भाजपा की सरकारें बनेगी। गुजरात में भाजपा की सरकार फिर से बनी है और हिमाचल कांग्रेस के हाथ से निकल गया। यूँ तो चुनाव दो राज्यों में हुआ, पर आपसी बाताबाती के तल्ख लहजे ने गुजरात के चुनाव को अहम और हिमाचल के चुनाव को गौण बना दिया था। बातबाती का यह सिलसिला इतने घटिया स्तर तक पहुंच कि किसी ने किसी को किसी का बाप तक कह दिया। इन चुनाव के नतीजों ने यह बता दिया की राजनीति का बाप मतदाता है। जो अहम को नष्ट कर देता है। 150 से ज्यादा सीट जीतने का दावा ऐसा ही दावा था। इस दावे को मतदाता ने कोरा अहम साबित कर इस बात को साबित कर दिया है की उसमे प्रजातंत्र की समझ है और वह ही राजनीति दलों का माई- बाप है।

गुजरात के चुनाव में कांग्रेस ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवानी और ओबीसी लीडर अल्पेश ठाकुर के तौर पर युवा शक्तियों पर दांव भी खेला था। जिसका कोई बहुत अंतर नहीं हुआ। हार्दिक की अपनी उम्र चुनाव लड़ने लायक नहीं हुई है। वह इन चुनावों में कांग्रेस का समर्थन कर रहे थे। पाटीदारों को आरक्षण के मुद्दे पर हार्दिक पटेल और कांग्रेस में इस बार गठबंधन हुआ था। इसके कोई बड़े परिणाम नहीं सामने नहीं आये। पाटीदार वोट का पाला नही बदला जा सका। आरक्षण के मुद्दे पर पाटीदारों के बीजेपी के खिलाफ गुस्से को हार्दिक भुनाने की कोशिश की। उनकी जनसभाओं में काफी भीड़ उमड़ी लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस और इन युवा नेताओं ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी है।

गुजरात चुनाव इस बार कई मायनों में दिलचस्प रहा है। आखिरी दौर तक के प्रचार में विकास की राजनीति हवा हो गई और नेताओं की सियासत में निजी हमलों ने जगह ले ली। हार्दिक पटेल की कई कथित सेक्स सीडी भी सामने आई। यहां तक कि गुजरात चुनाव में पाकिस्तान के रोल तक के आरोप लगाए गए। वहीं, कांग्रेस की ओर से भी निजी हमले कम नहीं हुए। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी को नीच बता दिया। अल्पेश ठाकोर ने तो यह आरोप लगा दिया कि रंगत साफ करने के लिए पीएम हर रोज 4 लाख रुपये के मशरूम खाते हैं। ऐसे आरोपों ने चुनाव की फिजा को कडवी और आक्रमक बनाया। भाजपा के एक प्रवक्ता ने यहाँ तो नरेंद्र मोदी को देश का बाप तक बता दिया।

इन सबसे इतर मतदाता ने गुजरात और हिमाचल में अपनी परिपक्वता का परिचय दिया और साबित किया है। चुनाव में मतदाता ही “बाप” होता है।
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com
पूर्व में प्रकाशित लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए
आप हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !