
परिजनों की शिकायत पर द्वारका साउथ पुलिस ने इस मामले में दुष्कर्म एवं पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही हैं पुलिस के अनुसार घटना 10 नवंबर की है। स्कूल की छुट्टी के बाद बच्ची जब घर लौटी तो उसने अपनी मां से निजी अंग में दर्द होने की बात कही। महिला ने बच्ची की इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। अगले दिन रात के समय बच्ची जोर-जोर से रोने लगी। महिला ने जब बेटी से पूछा तो उसने रोते हुए पूरी घटना के बारे में बताया।
पीड़ित बच्ची ने खुद बताया कि कौन है आरोपी
उसने मां को बताया कि स्कूल में साथ पढ़ने वाले एक बच्चे ने उसके साथ गलत हरकत की है। यह सुनकर महिला सन्न रह गई। इसके बाद परिजन बच्ची को डॉक्टर के पास ले गए, जहां उसका उपचार किया गया। कुछ देर बाद बच्ची की मां उसे एक निजी अस्पताल में ले गई, जहां बताया गया कि बच्ची के निजी अंग से छेड़छाड़ की गई है।
स्कूल ने मामला छुपाने की कोशिश की
बच्ची की मां ने 11 नवम्बर की रात ही इस घटना की जानकारी स्कूल को दी। उन्हें बताया गया कि वह इस मामले की शिकायत स्कूल आकर करें। वह स्कूल खुलने पर लिखित शिकायत लेकर प्रिंसिपल से मिलीं। उनका आरोप है कि स्कूल ने उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। इतना ही नहीं उस बच्चे के बारे में भी बताने से इनकार कर दिया, जिसने बच्ची के साथ यह हरकत की।
7 साल से कम उम्र का बच्चा तो अबोध होता है
लेकिन आरोप जिस बच्चे पर लगा है, उसकी उम्र महज साढ़े चार साल है। इसलिए पुलिस अपने स्तर पर मामले की छानबीन में जुटी हुई है। भारतीय दंड संहिता के सेक्शन 82 के तहत पुलिस को सात साल से कम उम्र के बच्चे पर केस दर्ज करने से बचना चाहिए। इसके अनुसार कम उम्र के बच्चे की बात को अपराध नहीं माना जा सकता है क्योंकि किसी भी बच्चे का दिमाग पूर्ण तौर पर इतना विकसित नहीं होता है कि वह अपराध करें।