
कोर्ट ने कहा कि उसे मेडिकल कॉलेज के नियम के मुताबिक लोगों से मिलने दिया जाए। यह फैसला पीठ में शामिल न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई चंद्रचूड़ द्वारा हदिया से 25 मिनट की बातचीत के बाद सुनाया। हदिया ने बातचीत के दौरान अपनी हाउस इंटर्नशिप पूरी करने और होम्योपेथिक डॉक्टर बनने की इच्छा जताई थी। कोर्ट ने केरल सरकार से कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि हदिया को सादे कपड़े पहने पुलिस बलों के साथ सलेम मेडिकल कॉलेज सुरक्षित पहुंचाया जाए।
न्यायालय ने सोमवार को मुस्लिम युवक शफीन जहां से विवाह करने पर हदिया के विचार जानने के लिए न्यायालय के समक्ष पेश होने के लिए कहा था। उसके अभिभावकों ने आरोप लगाया था कि उसके साथ ‘जबरदस्ती कर धर्म बदलवाया’ गया है। उसके पिता अशोकन ने आरोप लगाया था कि उसे आईएसआईएस भर्ती करने वालों की बड़ी साजिश के तहत मोहरा बनाया गया है।
इससे पहले केरल उच्च न्यायालय ने शफीन जहां से उसके विवाह को अवैध घोषित कर दिया था और उसे उसके पिता के संरक्षण में भेज दिया था। शफीन जहां ने उसके बाद हदिया के साथ उसके विवाह को रद्द करने के केरल उच्च न्यायालय के आदेश और इस मामले की जांच एसआईटी से कराने के फैसले का चुनौती दी थी।