महिला अध्यापकों को चाइल्ड केयर लीव पर EDUCATION dept का नया प्रस्ताव

भोपाल। हाईकोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार महिला अध्यापकों को बच्चों की देखभाल के लिए छुट्टी (चाइल्ड केयर लीव) देने को राजी हो गई है। सरकार वर्तमान नियमों में फेरबदल कर नियमित शिक्षक और अध्यापकों के लिए अलग-अलग निर्देश जारी करेगी। यह प्रस्ताव तैयार हो चुका है और वित्त विभाग की सहमति के लिए भेजा गया है। सरकार नियमित महिला कर्मचारियों को चाइल्ड केयर लीव का लाभ दे रही है, लेकिन महिला अध्यापकों (नगरीय निकाय के कर्मचारियों) को यह लाभ नहीं दिया जा रहा था। जिसे लेकर जबलपुर के कटंगी की पूजा जैन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

हाईकोर्ट ने नियमित कर्मचारियों के समान महिला अध्यापकों को भी लाभ देने के निर्देश दिए हैं। सूत्र बताते हैं कि सरकार नियमों में आंशिक संशोधन कर रही है। इसके लिए महिला अध्यापकों को छुट्टी का आवेदन जिला शिक्षा अधिकारी के साथ-साथ जनपद पंचायत कार्यालय में भी देना पड़ेगा। वित्त विभाग नियमित कर्मचारियों तो पंचायत एवं ग्रामीण विकास और नगरीय विकास विभाग अध्यापकों के लिए निर्देश जारी करेगा।

2007 में कहा था समान लाभ मिलेगा
सरकार ने वर्ष 2007 में अध्यापक संवर्ग का गठन किया था। तब निर्देश जारी हुए थे कि अध्यापकों को भी नियमित कर्मचारियों को मिलने वाले समस्त लाभ दिए जाएंगे। इन निर्देशों के आधार पर सैकड़ों महिला अध्यापकों को चाइल्ड केयर लीव भी दे दी गई। जब इसकी जानकारी स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों को लगी तो 6 अगस्त 2016 को महिला अध्यापकों को यह लाभ नहीं देने के आदेश जारी किए गए।

730 दिन की मिलती है छुट्टी
चाइल्ड केयर लीव में महिला कर्मचारियों को 18 साल तक के बच्चों की देखरेख के लिए 730 दिन की सवैतनिक (वेतन सहित) छुट्टी दी जाती है।

प्रस्ताव भेज दिया है
चाइल्ड केयर लीव का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा है। वहां से जल्द ही सहमति मिल जाएगी। इसके बाद तीनों विभाग अलग-अलग निर्देश जारी करेंगे। 
दीप्ति गौड़ मुकर्जी, प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !