नीमच। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने बताया कि मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग के दिनांक 02/11/2017 के आदेश से प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में बीएड प्रशिक्षित शिक्षकों को 31 दिसंबर 2019 को सेवामुक्त कर दिया जाएगा। यदि डीएड डिप्लोमा प्रशिक्षण प्राप्त नहीं किया तो। यह आदेश तकनीकी दृष्टि से त्रुटिपूर्ण व तुगलकी है। क्योंकि सेवाभर्ती नियमों के तहत पात्र अभ्यार्थियों का चयन तात्कालिक समय किया गया था।
प्रा/मावि के शिक्षकों को शिक्षा विभाग में उच्च प्रशिक्षण बीएड डीग्री कोर्स प्राप्त कर सेवामुक्त का आधार कैसे हो सकता है। यह तो वही बात हुई कि बड़ी मुद्राधारी व्यक्ति छोटी मुद्रा वाली वस्तु नहीं खरीद सकता जब तक वह छोटी मुद्रा धारित नहीं करता। ऐसे शिक्षकों को एनआईओएस में पंजीयन करवाने से लेकर 31/12/2019 तक डिप्लोमा कोर्स अनिवार्य है।
शिक्षा विभाग आये दिन अटपटे व तुगलकी आदेश जारी कर शिक्षकों को बेजा परेशान कर रहा है। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ मांग करता है कि ऐसे शिक्षकों की प्रा/मावि में आवश्यकता नहीं है तो उच्च कक्षाओं में पदस्थ करे व आदेश समय रहते वापस लिये जावे नहीं तो न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है यहां शिक्षा विभाग को फटकार मिलना अवश्यंभावी है।