
प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया आज प्रेस से व्यापमं के संदर्भ में बात कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मीडिया मैनेज कर रही है, इसलिए व्यापमं जैसे मामले छप नहीं पाते। बाबरिया के बयान पर बबाल मच गया और मीडियाकर्मियों ने बाबरिया के बयान का जमकर विरोध किया। विरोध होता देख बाबरिया बैकफुट पर आ गए और कहने लगे कि कुछ मीडिया ही मैनेज हैं।
यहां दीपक बाबरिया की जानकारी के लिए बता दें कि व्यापमं घोटाले का खुलासा मीडिया की मदद से ही हुआ था। इस मामले को जितनी भी सुर्खियां मिली वो मीडिया की ही देन थीं। झाबुआ में पत्रकार अक्षय सिंह की मौत के बाद जब मामला नेशनल मीडिया की सुर्खियों में आया तब कांग्रेसी नेताओं ने सड़क पर आकर औपचारिक विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस का एक भी नेता इस मामले में व्हिसल ब्लोअर नहीं है। यदि दिग्विजय सिंह की बात छोड़ दी जाए तो कांग्रेस में एक भी नेता ऐसा नहीं है जिसने व्यापमं घोटाले में कोई नया खुलासा किया हो।
दीपक बाबरिया की जानकारी के लिए यह भी बता दिया जाए कि पिछले 12 सालों में मीडिया ने जितने भी घोटाले उजागर किए, कांग्रेस ने केवल उनपर औपचारिक प्रेसनोट जारी किए। कुछ नेताओं ने हाइट पाने के लिए प्रदर्शन भी किए लेकिन वो घोटालों को निर्णय की स्थिति तक नहीं ले गए। बाबरिया को यह भी समझ लेना चाहिए कि पिछले 12 सालों में कांग्रेस ने मप्र में एक भी विरोध प्रदर्शन ऐसा नहीं किया जिसमें 1 लाख से ज्यादा संख्या हो बावजूद इसके यदि मप्र में कांग्रेस जिंदा है तो वो मीडिया की बदौलत।
प्रमुख विपक्षी दल होने के नाते कांग्रेस का धर्म है कि वो घोटालों का खुलासा करे। सड़क पर आकर विरोध प्रदर्शन करे। यदि बाबरिया चाहते हैं कि उनके धंधेबाज नेता अपनी ठेकेदारी करते रहें और मीडिया उनके प्रेस बयानों को प्रमुख स्थान दे तो यह संभव नहीं है। बाबरिया समझ लो, यदि मीडिया भड़क गई तो जो प्लॉट तैयार हुआ है वो कपूर की तरह गायब हो जाएगा।