मंत्रालय में नहीं तो क्या चंबल के बीहड़ों में प्रदर्शन करें: कर्मचारियों ने मंत्री से पूछा

भोपाल। मंत्री लाल सिंह आर्य ने बैठक में कहा कि मंत्रालय पर कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन बिल्कुल बंद किया जाए के सबंध में मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर व अन्य कर्मचारी संगठनों के नेताओं कहा है कि सबसे पहले विधान सभा में विधान सभा सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के द्वारा नारेबाजी, धरना प्रदर्शन, आंसादी का घेराव, गांधी जी की प्रतिमा के सामने धरना प्रदर्शन किया जाता हैं वो बंद होना चाहिए। उसके बाद मंत्रालय पर कर्मचारी संगठन धरना/ प्रदर्शन बंद कर देंगें। 

मंत्रालय से बड़ी जगह विधान सभा है जब विधायक वहां पर धरना प्रदर्शन कर सकते हैं तो कर्मचारी मंत्रालय के सामने धरना प्रदर्शन क्यों नहीं कर सकते हैं ? महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा है कि मंत्रालय में कर्मचारी अधिकारी काम करते हैं सभी विभागों के कर्मचारियों के लिए मंत्रालय कर्मचारियों का मक्का मदीना और शक्ति पीठ है। यदि कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर शक्ति पीठ में घंटी नहीं बजायेंगें तो क्या चंबल की बीहड़ में जाकर बजायेंगें। 

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने अपने बयान में कहा है कि एक तरफ तो सरकार कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं देती हैं उनकी जायज मांगों का निराकरण नहीं करती है। फिर दूसरी तरफ लोकतंत्र में उनकी आवाज को दबाने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाती है। सरकार को विरोध का सामना करने का साहस होना चाहिए क्योंकि कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करते हैं यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है। 

वर्तमान सत्तारूढ़ पार्टी को आज सत्ता में आने के बाद उसको धरना प्रदर्शन बुरा लग रहा है जब विपक्ष में थे तो सबसे ज्यादा धरना प्रदर्शन वर्तमान सत्ता रूढ़ पार्टी ही करती थी। तब जीएडी मंत्री लाल सिंह आर्य जी को यह बात ध्यान में क्यों नहीं आई कि धरना प्रदर्शन नहीं करना चाहिए। आज सत्ता में आने के बाद सत्ता रूढ़ पार्टी को धरना प्रदर्शन से एतराज होने लगा। यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। यदि अहिसांत्मक तरीके से उठाने वाली आवाज को दबाया गया तो लोग अपनी भड़ास निकालने के अनुचित साधन का सहारा लेंगें। 

चुनाव के वक्त वोट मांगने के लिए सारे नेता अपनी सभा मंत्रालय पर करते हैं तब उस समय क्यों मंत्रालय पर बैन नहीं लगाया जाता है । विधायक के उम्मीदवार मंत्रियों को भी कर्मचारियों के शक्तिपीठ मंत्रालय में वोट मांगने के लिए नहीं आना चाहिए। रमेश राठौर ने कहा है कि सारे कर्मचारी नेता मंत्रालय पर प्रदर्शन करके सरकार के उस आदेश का जवाब  देंगें जिसमें कहा है कि मंत्रालय पर धरने प्रदर्शन को बैन किया जाना चाहिए।

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