
मामले की जांच कर विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ आरएस शर्मा ने सभी 179 दाखिलों के रिजल्ट रोकने और डीएमई को इनके दाखिले निरस्त करने की अनुशंसा की है। मामला एनआरआई कोटे में एडमिशन का है। इस कोटे में उन उम्मीदवारों को एडमिशन मिलता है जो अप्रवासी भारतीय हों। जांच में पाया गया कि एक भी स्टूडेंट एनआरआई नहीं था। बता दें कि ये सभी वो मेडिकल कॉलेज हैं जिनके पास या तो डायरेक्टर पॉलिटिकल कनेक्शन है या फिर किसी पॉलिटिकल पॉवर का संरक्षण हासिल है।
इन कॉलेजों में हुआ एडमिशन में फर्जीवाड़ा
भोपाल के एडवांस इंस्टीटयूट आॅफ मेडीकल साइंस में 22 एनआरआई सीट,
देवास के अमलताल मेडीकल काॅलेज में 21 एनआरआई सीट,
चिरायु मेडीकल काॅलेज भोपाल की 23 एनआरआई सीट,
माॅर्डन इंस्टीटयूट आॅफ मेडीकल साइंस काॅलेज की 23 एनआरआई सीट,
आरडी गाॅर्डी मेडीकल काॅलेज उज्जैन की 19 एनआरआई सीट,
साक्षी मेडीकल काॅलेज गुना की 25 एनआरआई सीट,
श्री अरविंदो मेडीकल काॅलेज इंदौर की 23 एनआरआई सीट
और सुखसागर मेडीकल काॅलेज जबलपुर की 23 एनआरआई सीट्स शामिल हैं.