
31 अक्टूबर को हबीबगंज आरपीएफ चौकी से 100 मीटर की दूर पर छात्रा से गैंगरेप की घटना के बाद 1 सीएसपी, 4 टीआई और 2 सब इंस्पेक्टर पर कार्रवाई की गई। ये कार्रवाई सिर्फ छोटे पुलिस कर्मियों पर की गई थी। अब एसआईटी ने बड़े अधिकारियों की भूमिका की जांच शुरू कर दी है। डीजीपी के निर्देश के बाद एसआईटी की जांच की रडार पर एक एडीजी, दो आईजी, दो डीआईजी, दो एसपी और एक सीएसपी हैं। एसआईटी मोबाइल फोन की कॉल डिटेल के जरिए निचले अमले के कर्मचारियों को एफआईआर दर्ज नहीं करने वाले अफसरों की तलाश कर रही है।
दरअसल, ये मामला भोपाल पुलिस और जीआरपी के बीच सीमा विवाद को लेकर उलझ गया था। सीमा विवाद बड़े अफसरों तक भी पहुंचा था। बड़े अधिकारियों के निर्देश पर ही मैदानी अधिकारी और कर्मचारियों ने कार्रवाई नहीं की थी। पुलिस मुख्यालय के आईजी मकरंद देउस्कर ने बताया कि हर एक अधिकारी की भूमिका की जांच कर लापरवाह को दंडित किया जाएगा।
गैंगरेप की घटना के समय रेल एसपी रहीं अनिता मालवीय ने भी डीजीपी से बड़े अफसरों की शिकायत की है। ये शिकायत एफआईआर नहीं दर्ज करने के आदेश को लेकर की गई है। इतना ही नहीं मामले में सस्पेंड हुए कर्मचारियों के साथ ही दूसरे पुलिस कर्मचारियों ने भी डीजीपी से बड़े अफसरों की शिकायत की है। डीजीपी के निर्देश के बाद मामले की जांच कर रही एसआईटी अब इन बड़े अफसरों की भूमिका की जांच कर रही है।
ये पुलिस अधिकारी हैं जांच की जद में
रेल ADG जीपी सिंह,
रेल IG डीपी गुप्ता,
भोपाल IG योगेश चौधरी,
रेल DIG नवल सिंह रघुवंशी,
भोपाल DIG संतोष सिंह,
रेल SP अनिता मालवीय,
भोपाल SP राहुल लोधा,
भोपाल ASP हितेष चौधरी,
भोपाल SP धर्मवीर यादव,
भोपाल CSP भूपेंद्र सिंह