
इधर राहुल गांधी ने कहा कि " मैं शिव का भक्त हूं और सच्चाई पर भरोसा रखता हूं। बीजेपी चाहे जो कहे मुझे अपनी सच्चाई पर भरोसा है। राहुल गांधी पिछले तीन दिन से उत्तर गुजरात के दौरे पर थे। उन्होंने अपने दौरे की शुरूआत गांधीनगर के अक्षरधाम मंदिर में माथा टेककर की थी। यह मंदिर स्वामी नारायण पंथ का है और पाटीदार समाज में इसके कई अनुयायी हैं। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस मंदिर में आए थे। माना जा रहा है कि यह पाटीदार वोटों को लुभाने का उपक्रम है।
दलितों के मुद्दे मैनिफेस्टो में शामिल करेंगे
राहुल ने पाटन में दलित समाज के कार्यक्रम में कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मनुवादी संगठन है, जो देश के जातिवादी सिस्टम को जैसा है, वैसा ही बनाए रखना चाहता है। अपनी नवसर्जन गुजरात यात्रा के तीसरे और आखिरी दिन उन्होंने कहा कि वे जातिवाद के विरोधी हैं, क्योंकि यह ऐसी व्यवस्था है जो इंसान को इंसान नहीं मानती। उन्होंने कहा कि वे दलितों से संबंधित मुद्दों को पार्टी के मैनिफेस्टो में शामिल करेंगे।
राहुल गांधी ने देखी 'रानी की वाव'
वीर मेघ माया मंदिर में दर्शन से पहले राहुल वक्त निकाल कर यहां ऐतिहासिक रानी की वाव (बावड़ी) देखने पहुंचे। इस वाव के बारे में माना जाता है कि इसे चालुक्य वंश के शासक भीमदेव की याद में उनकी रानी उदयमती ने 11वीं सदी में महा गुर्जर स्थापत्य शैली में बनवाया था। सरस्वती नदी के किनारे स्थित इस वाव में सीढ़ियों के 7 लेवल थे। यह नदी में बाढ़ के चलते मिट्टी के नीचे दब गया था और 80 के दशक में खुदाई के दौरान इसका पता चला।