अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने भी भारत का विकास दर अनुमान घटाया: नोटबंदी और GST का असर

नई दिल्ली। नोटबंदी और जीएसटी के कारण नरेंद्र मोदी सरकार एक के बाद एक मामलों में घिरती जा रही है। भाजपा नेता भले ही बयानबाजियों से भ्रमपूर्ण स्थितियां निर्मित करते रहें परंतु आंकड़ों की घेराबंदी भी लगातार जारी है। अब अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने आंकड़े जारी किए हैं। उसने 2017 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का नया अनुमान जताया है। IMF का भारत के लिए यह अनुमान उसके पहले लगाए गए अनुमानों की तुलना में 0.5 प्रतिशत कम है। उसने इस कटौती के लिए नोटबंदी और जीएसटी के कार्यान्वयन का हवाला दिया है। बता दें कि निवेशक इसी अनुमान के आधार पर अपनी योजनाएं बनाते हैं। 

आईएमएफ ने चीन के लिए 6.8 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया है। इसके साथ ही आईएमएफ ने 2018 में भारत की वृद्धि दर का अनुमान भी अपने पहले के अनुमान से 0.3 प्रतिशत कम कर 7.4 प्रतिशत कर दिया है। मुद्राकोष ने इससे पहले जुलाई और अप्रैल में आर्थिक वृद्धि के अनुमान जारी किए थे। यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि भारत की वृद्धि दर 2016 में 7.1 प्रतिशत रही थी। हालांकि, यह वृद्धि आईएमएफ के अप्रैल के 6.8 प्रतिशत के अनुमान से अधिक रही।

आईएमएफ ने अपनी लेटेस्ट विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा है कि 'भारत में वृद्धि की गति नरम पड़ी है जो कि मुद्रा अदला बदली और साल के बीच में ही देश भर में माल एवं सेवा कर (GST) के कार्यान्वयन (Implementation) को लेकर अनिश्चितता के चलते हुआ।' इसमें कहा गया है कि अच्छे सरकारी परिव्यय और आंकड़ों में संशोधन के चलते 2016 में भारत की वृद्धि दर बढ़कर संशोधित 7.1 प्रतिशत हो गई। इसके साथ ही आईएमएफ ने 2017 में वृद्धि दर के लिहाज से चीन को भारत से कुछ आगे रखा है. 2017 में चीन की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहना अनुमानित है।

अगले साल बन सकता सबसे तेज वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था
हालांकि, इस रिपोर्ट के अनुसार 2018 में भारत दुनिया में सबसे तेज वृद्धि करने वाली उदीयमान अर्थव्यवस्था का दर्जा फिर हासिल कर सकता है, जबकि उस साल चीन की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहना अनुमानित है। इसमें कहा गया है कि GST उन कुछ प्रमुख ढांचागत सुधारों में से एक है, जिनसे मध्यम अवधि में वृद्धि दर बढ़कर आठ प्रतिशत करने में मददगार होंगें।

इसके अनुसार, 'भारत में श्रम बाजार नियमों और भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के सरलीकरण के व्यापारिक माहौल को और बेहतर बनाने के लिए लंबे समय से प्रतीक्षा की जा रही है। आईएमएफ का कहना है कि 1999 और 2008 के बीच भारत की औसत वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रही, उसके बाद 2009 में यह 8.5 प्रतिशत, 2010 में 10.3 प्रतिशत व 2011 में 6.6 प्रतिशत रही. इसी तरह 2012, 2013 व 2014 में वृद्धि दर क्रमश: 5.5 प्रतिशत, 6.4 प्रतिशत व 7.5 प्रतिशत रही. वहीं वैश्विक स्तर पर आईएमएफ ने वृद्धि दर 2017 व 2018 में क्रमश: 3.6 प्रतिशत व 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.

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