शनि की ढैया, अडैय्या और साढ़ेसाति की राशियां बदलीं

25 अक्टूबर से शनि महाराज स्थायी रूप से धनु राशि में विराजित हो जायेंगे, साथ ही अब ढैया, अडैय्या, साडेसाति का फल अन्य परिवर्तित राशियों पर मिलेगा। जिस राशि से चौथे स्थान मॆ शनि का भ्रमण होता है उसे ढैया कहते है 2015 से सिंह राशि इस प्रभाव मॆ थी अब कन्या राशि आगामी दो वर्ष तक इस प्रभाव मॆ रहेगी। जिस राशि से शनि आठवें स्थान पर भ्रमण करता है उसे शनि का अडैया कहते है अभी तक मेष राशि इस प्रभाव मॆ थी आगामी दो वर्ष तक वृषभ राशि इस प्रभाव मॆ रहेगी।

साडेसाति का प्रथम ढैया
जब शनि महाराज जिस राशि के पीछे रहते है उसे प्रथम ढैया कहते हैं। अभी तक धनु राशि को शनि के प्रथम ढाई वर्ष थे। अब मकर राशि वालों को साढ़ेसाति का प्रथम ढैय्या प्रारम्भ होगा।

साडेसाति का दूसरा ढैया
अभी तक वृश्चिक राशि को शनि का मध्यकाल या दूसरा ढैया था अब यह धनु राशि वालों पर चलेगा।

साडेसाति का अंतिम ढैया
अभी तक तुला राशि को शनि का अंतिम ढैय्या चल रहा था अब वृश्चिक राशि पर शनि का अंतिम ढैया चलेगा।

सभी राशियों पर शनि का प्रभाव
*मेष*-भाग्य स्थान से शनि का भ्रमण अत्यंत अनुकुल है नौकरी,रोजगार तथा व्यापार मॆ भाग्य से राज्यकृपा प्राप्त होगीं।समय अनुकुल है इसका लाभ उठायें।
*वृषभ*वैसे तो यह शनि महाराज की प्रिय राशि है लेकिन आठवें स्थान से शनि का भ्रमण कर्मक्षेत्र मॆ सामान्य परेशानी पैदा कर सकता है इसीलिए आकस्मिक कठिनाइयों के लिये तैयार रहें।
*मिथुन*-केन्द्र मॆ पाप ग्रहों का भ्रमण शुभ फल देता है मिथुन राशि मॆ शनि भाग्य स्थान का स्वामी भी होता है इस राशि के लिये शुभ फल आने वाले है,विवाह,व्यापार तथा राज्यपक्ष की ओर से शुभफल प्राप्त होंगे।
*कर्क*छठे स्थान से शनि का भ्रमण शुभफलदायक होता है,इस राशि वालों की समस्या,रोगऋण का समाधान प्राप्त होगा,शुभ समय।
*सिंह*-यह राशि शनि के अढैया के प्रभाव से मुक्त हो चुकी है परन्तु पंचम भाव का शनि आर्थिक क्षेत्र मॆ कुछ तकलीफ अवश्य देगा,कुछ राहत अवश्य मिलेगी साथ ही शनि के उपाय अवश्य करते रहें।
*कन्या*-इस राशि को शनि ढैय्या चलेगा,कामकाज मॆ रूकावटे अवश्य आयेगी,लेकिन शत्रु,रोग परेशानी का अंत अवश्य होगा।
*तुला*-यह शनिदेव की परमप्रिय राशि है जो अब साडेसाति के प्रभाव से मुक्त रहेगी,तीसरे स्थान से शनि का भ्रमण शानदार परिणाम देगा।
*वृश्चिक*-यह राशि अब शनि के मध्यकाल के प्रभाव से मुक्त हो चुकी है द्वितीय स्थान से शनि का भ्रमण धनवृध्दि मॆ सहायक रहेगा,सम्पत्ति बनेंगी,धन का आगमन होगा।
*धनु*-इस राशि वालों को शनि ग्रह का मध्यकाल चलेगा,कर्मक्षेत्र मॆ रुकावट भागदौड़ आदि प्रारंभ होगीं शनिशांति के उपाय करायेंगे तो ठीक रहेगा।
*मकर*-साडेसाति का प्रथम ढाई वर्ष शुभफल दायक रहेंगे,रोग,ऋण शत्रु का नाश होगा,व्ययाधीक्य से बचें।
*कुम्भ*-इस राशि वालो को शनि के सबसे शुभ परिणाम मिलने वाले है आमदनी के स्त्रोत अच्छा लाभ देंगे,जटिल समस्याओं का निराकरण प्राप्त होगा।
*मीन*-राज्य स्थान से शनि का भ्रमण आपको सक्रिय करेगा,कामकाज मॆ वृद्धि होगीं मान सम्मान की वृद्धि होगीं,शुभ समय।
*शनि राहु का प्रकोप*-शनि और राहु दो ऐसे ग्रह है जो आदमी के जीवन को संकटग्रस्त कर सकते है इनके दुष्प्रभाव से जो व्यक्ति बच गय़ा वो समस्त संकटों से बच गय़ा।
*सिंह और धनु राशि*-आगामी दो वर्ष सिंह और धनु राशि वालों के लिये कष्टकारी हो सकते है इन दो राशियों वालों को विशेष धैर्य,गुरुजनों की सलाह की आवश्यकता पड़ेगी,यदि इन्हे राहु और शनि की दशा का दुष्प्रभाव भी हो तो समस्या गम्भीर हो सकती है,राहु और शनि की शांति अवश्य करायें।
*शनि शांति के उपाय*-पीपल के पेड़ के नीचे दीपक लगाना,शिव मंत्र ॐ नमह शिवाय का जप करना,हनुमानजी के दर्शन करना,दशरथकृत शनि स्त्रोत का पाठ तथा शनी  अर्धांगिनी स्त्रोत का पाठ तथा शनि राहु की वैदिक मन्त्रों से शांति आपको कष्टों से राहत दीलायेगी।
*तीन चीजों से सावधान रहें*-कोर्ट ,पुलिस तथा अस्पताल के चक्कर से जितना बच सकें उतना श्रेष्ठ रहेगा,साथ ही ठग,धोखेबाज आदि से दूर रहें।
*प.चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"*
9893280184,7000460931
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