
मालवांचल के लिये ही अनुमोदित नर्मदा क्षिप्रा लिंक बहुउद्देशीय परियोजना से देवास, उज्जैन, नागदा, मक्सी, शाजापुर, घटिया तथा तराना क्षेत्र में 30 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होगी। नियंत्रण मण्डल ने मोरण्ड एवं गंजाल संयुक्त सिंचाई परियोजना के लिये भी प्रशासकीय स्वीकृति दी है। इस परियोजना से होशंगाबाद, हरदा तथा खण्डवा जिलों में 52 हजार 205 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता निर्मित होगी।
नर्मदा नियंत्रण मण्डल ने नागलवाडी उद्वहन, किल्लोद उद्वहन, पाटी उद्वहन, कोदवार उद्वहन, पिपरी उद्वहन, भुरलाय उद्वहन, पामाखेडी उद्वहन माईक्रो सिंचाई योजनाओं को भी प्रशासकीय स्वीकृति दी। इन उद्वहन माईक्रो सिंचाई परियोजनाओं से 67 हजार 132 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता निर्मित होगी। नर्मदा नियंत्रण मण्डल द्वारा अनुमोदित परियोजनाओं पर 14 हजार 600 करोड रूपये का व्यय अनुमानित है। मुख्यमंत्री ने इन परियोजनाओं के निर्माण के लिये सभी औपचारिकतायें प्राथमिकता से पूरी करने के निर्देश दिये हैं।
बैठक में नर्मदा घाटी विकास मंत्री श्री लाल सिंह आर्य, राजस्व मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता, ऊर्जा मंत्री श्री पारसचन्द्र जैन, लोक निर्माण मंत्री श्री रामपाल सिंह और किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री राकेश साहनी तथा उपाध्यक्ष श्री रजनीश वैश भी उपस्थित थे।