कंपनी डूबती है तो बैंक से पहले ग्राहकों का पैसा लौटाना होगा: SC

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। जेपी इंफ्राटेक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एतिहासिक टिप्पणी की है। उसने साफ कर दिया कि न्यायालय को उन ग्राहकों की चिंता है जिनके पैसे कंपनी में फंस गए हैं। कोर्ट ने कहा कि हमें कंपनी से घर खरीदने वालों की चिंता है। कंपनी अगर बंगाल की खाड़ी में डूबती है तो डूब जाए। कोर्ट ने जेपी ग्रुप को आदेश दियास है कि वो 27 अक्टूबर तक 2000 करोड़ रुपये जमा करे। कोर्ट ने बैंकों से कहा है कि वो स्वार्थी न बने और खरीददारों की चिंता करे। कोर्ट ने इसके साथ कंपनी के एमडी समेत सभी डायरेक्टर्स के विदेश यात्रा करने पर रोक लगा दी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी।  

बता दें कि जेपी पर करीब 8 हजार करोड़ का कर्ज है। अकेले आईडीबीआई बैंक का ही 4 हजार करोड़ बकायेदारी है। NCLT का आदेश आईडीबीआई बैंक की याचिका के बाद ही आया था। कुछ दिन पहले ही कोर्ट ने जेपी इन्फ्राटेक के दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया पर रोक लगाई थी। कोर्ट ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के उस फैसले पर रोक लगाई थी, जो ट्रिब्यूनल की इलाहाबाद बेंच ने 10 अगस्त को दिया था। 

इसके तहत कंपनी को दिवालिया श्रेणी में डालने की प्रक्रिया शुरू होनी थी। वहीं, जब अगस्त के दूसरे हफ्ते में जेपी के दिवालिया होने की प्रक्रिया शुरू होने की खबरें आईं तो हजारों फ्लैट खरीदारों ने जेपी की साइट्स पर पहुंचकर इसका भारी विरोध किया।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!