
डीविलियर्स ने साल 2015 में दो ताबड़तोड़ पारियां खेली थीं। ये दोनों पारियां वेस्टइंडीज के खिलाफ आई थीं एक में उन्होंने 44 गेंदों में 149 और दूसरी में 66 गेंदों में 162 रन ठोंके थे। दोनों पारियों में उन्होंने छक्कों का अंबार लगा दिया था। इस तरह से जब साल खत्म हुआ तो उन्होंने कैलेंडर ईयर में 58 छक्के जड़ डाले। यह वनडे क्रिकेट की दृष्टि से इतना बड़ा रिकॉर्ड है कि कोई भी बल्लेबाज इसके आसपास फटकने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाया है लेकिन अब पांड्या ने हिम्मत जुटा ली है और लग रहा है कि वह इस रिकॉर्ड को तोड़ देंगे।
पांड्या ने अबतक 22 मैचों की 13 पारियों में 21 छक्के लगाए हैं। ये सभी छक्के उन्होंने साल 2017 छक्के लगाए हैं। इसके अलावा भारत को इस साल 10 मैच और खेलने हैं। ऐसे में पांड्या के पास मौका होगा कि वह जोर लगाएं और इस रिकॉर्ड को तोड़ते हुए जता दें कि डीविलियर्स, पोलार्ड सभी उनके आगे फीके हैं। हिसाब लगाए तो पांड्या को यहां से करीब 4 छक्के हर मैच में मारने होंगे तभी बात बन पाएगी। अगर पांड्या किसी एक मैच में 10-12 छक्के लगा दें तो बात बन सकती है। वैसे पांड्या जिस तरह की फॉर्म में हैं उसे देखते हुए ये नामुमकिन मालूम नहीं पड़ता।