
इसका आधार यह है कि इसकी शोध आय और प्रभाव स्कोर में कमी आई है। वहीं ऑक्सफोर्ड पहले स्थान पर कायम है और कैंब्रिज दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। भारत में आईआईटी दिल्ली, कानपुर, खड़गपुर और रुड़की को 501-600 बैंड में रखा गया है। केवल आईआईटी बांबे की रैंकिंग में बदलाव नहीं किया गया है। इसकी रैंकिग 351-400 के बीच ही है।
वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में आईआईटी के अलावा, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, आईआईटी गुवाहाटी समेत कई अन्य भारतीय विश्वविद्यालयों ने वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में अपना स्थान बनाए रखा है। संतोष की बात यह रही कि शोध आय और गुणवत्ता के पैमाने पर भारतीय संस्थानों में सुधार पाया गया है। हालांकि ज्यादातर संस्थान अंतरराष्ट्रीय स्तर के पैमाने पर खरे नहीं उतरे।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में विदेशी छात्रों की संख्या सीमित है। साथ ही फैकल्टी की स्थिति सुधारने के लिए विदेशी शिक्षकों की भर्ती के मामले में भी कोई खास प्रगति नहीं हो पाई है। दूसरे देशों के संस्थानों के बेहतर प्रदर्शन से भी भारतीय विश्वविद्यालय की रैंकिंग गिरी।
दुनिया की टॉप 10 यूनिवर्सिटी
ऑक्सफोर्ड,
कैंब्रिज,
कैलिफॉर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी
मैसाचुएट्स,
हार्वर्ड,
प्रिंसटॉन,
इंपीरियल कॉलेज लंदन,
यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो