
चित्रकूट में आ रहे विधानसभा उपचुनाव के ध्यान में रखते हुए सरकारी दस्तावेजों पर भाजपा का प्रचार करने वाले कलेक्टर नरेश पाल को सतना से हटाकर शहडोल भेज दिया गया है। कहा जा रहा है कि सरकार ने यह तबादला इसलिए किया ताकि नरेश पाल को चुनाव आयोग की कार्रवाई से बचाया जा सके। दरअसल, कांग्रेस ने वो तमाम दस्तावेज जमा कर लिए थे जिन पर कलेक्टर नरेश पाल ने भाजपा के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय लगाए या जो भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए लिखे गए। एक पत्र में तो नरेश पाल ने चुनावी तैयारियों की तरफ स्पष्ट इशारा कर दिया था।
बुधवार 27 सितम्बर को जारी तबादला आदेश में एक और विवादित अफसर श्रीकांत बनोठ को शाजापुर कलेक्टर बनाया गया है। श्रीकांत बनोठ हरदा कलेक्टर रहते उस वक्त अखबारों की सुर्खियां बन गए थे जब उन्होंने पूर्व भाजपा मंत्री कमल पटेल के बेटे सुदीप पटेल को उसके खिलाफ 14 क्रिमिनल केसेस के चलते जिला बदर कर दिया था। श्रीकांत बनोठ वर्तमान में प्रबंध संचालक मप्र राज्य भंडार गृह निगम भोपाल तथा अपर प्रबंध संचालक मप्र ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट फैसिलिटेशन कॉरपोरेशन हैं। आईएएस श्रीकांत बनोठ पर कमल पटेल ने रेत माफियाओं से मिली भगत का आरोप लगाया था। काफी दवाब के बाद उन्हे हरदा से हटाया गया था परंतु श्रीकांत ने भी इसे अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था।