श्रीनगर। उत्तरी कश्मीर के हाजिन बांडीपोर में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने छुट्टी पर घर आए बीएसएफ के एक जवान को उसके ही घर में गोलियों से भून डाला। आतंकियों की अधांधुंध फायरिंग में शहीद बीएसएफ जवान के पिता, भाई और फूफी जख्मी हो गए। बीते छह माह के दौरान कश्मीर घाटी में सेना या केंद्रीय अर्धसैनिक बल में तैनात किसी स्थानीय युवक की आतंकियों द्वारा हत्या की यह दूसरी वारदात है। इससे पूर्व आतंकियों ने 10 मई को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में लेफ्टिनेंट उमर फैयाज को अगवा कर मौत के घाट उतार दिया था। वह भी अवकाश पर घर आए हुए थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार तीन से चार आतंकियों का एक दल बुधवार रात आठ बजे के करीब पर्रे मोहल्ले में स्थित गुलाम अहमद के घर दाखिल हुए। कहा जाता है कि आतंकियों ने उसके घर में शरण लेनी चाही थी। उस समय गुलाम अहमद का ब़़डा पुत्र रमीज अहमद जो कि बीएसएफ का जवान है और कुछ दिन पहले ही राजस्थान से छुट्टी पर घर लौटा है, ने आतंकियों को चले जाने को कहा। इस पर उसकी आतंकियों के साथ बहस व धक्कामुक्की भी हो गई।
मामला बिग़़डता देखा आतंकी वहां से चले गए। कुछ ही देर बाद आतंकी दोबारा लौट आए। इस बार उनकी तादाद ज्यादा थी। उन्होंने पूरे परिवार को एक जगह जमा किया और उसके बाद उन्होंने रमीज व उसके भाई मुमताज को अपने साथ चलने के लिए कहा। लेकिन रमीज ने आतंकियों का प्रतिरोध करते हुए एक आतंकी पर काबू पा उसकी राइफल छीनने का प्रयास किया। उसे आतंकियों के साथ भि़डते देख परिवार के अन्य लोगों ने भी प्रतिरोध शुरू कर दिया। इस पर आतंकियों ने उन पर अंधांधुंध फायरिंग कर दी। गोलियां लगने पर रमीज, उसका भाई, पिता और फूफी जमीन पर गिर प़़डे। आतंकी उन्हें मरा समझ वहां से भाग गए।
गोलियों की आवाज सुनते ही निकटवर्ती शिविरों से सुरक्षा बल के जवान भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने घर के आंगन में घायल प़़डे चारों लोगों को स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने रमीज को मृत घोषिषत कर दिया। उसके भाई मुमताज, पिता गुलाम अहमद और फूफी हब्बा बेगम की हालत गंभीर बनी हुई है। इन तीनों को बेहतर उपचार के लिए श्रीनगर लाया गया है। एसएसपी बांडीपोर जुल्फिकार ने कहा कि घटनास्थल से मिले सुरागों के आधार पर कहा जा सकता है कि इस वारदात को लश्कर ने अंजाम दिया है। आतंकियों के संदिग्ध ठिकानों की निशानदेही करते हुए वहां छापेमारी शुरू कर दी गई है।