
धीरेंद्र जेल रोड स्थित आसाराम में आश्रम में रहकर बारहवी की पढ़ाई कर रहा था। बुधवार रात करीब 8ः30 बजे उसका शव उसी के कमरे में फांसी पर झूलता मिला। वह मूलतः सोरवा अलीराजपुर का रहने वाला था। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। ना ही ऐसी कोई वजह सामने आई है जिसके चलते धीरेन्द्र आत्मघाती कदम उठाता।
इंदौर में क्रिकेट मैच देखने का बना रहे थे प्लान
धीरेंद्र के चाचा प्रेमसिंह ने बताया कि तीन दिन पहले उनकी धीरेंद्र से फोन पर बात हुई थी। उन्होंने धीरेंद्र से इंदौर में होने वाले क्रिकेट मैच को देखने का प्लान बनाने को कहा था। तब उसने कहा था, कि पापा को पता चलेगा, तो वह गुस्सा होंगे लेकिन मैने कह दिया था,कि उसकी चिंता छोड़ो। तुम भोपाल से इंदौर पहुंच जाना मैं अलीराजपुर से इंदौर आ जाऊंगा लेकिन बातचीत से ऐसा कुछ भी नहीं लगा,कि वह ऐसा कदम उठा लेगा।
कमरा सील, मोबाइल जब्त
धीरेंद्र के पिता देवेंद्रसिंह शिक्षक हैं। उन्होंने इस मामले में किसी तरह का किसी पर आरोप नहीं लगाया। उनका कहना है, कि बेटे का मोबाइल फोन पुलिस ने जांच के लिए रख लिया है। साथ ही उस कमरे को सील कर दिया गया है। धीरेंद्र उनका इकलौता बेटा था। उससे छोटी दो बेटियां विधि(दुर्गा) और निधि हैं। वह 12 सितंबर को भोपाल बेटे से मिलने आए थे। उसे खर्च के लिए दस हजार रुपए भी दिए थे,तो वह काफी खुश हो गया था। उसने अपनी तरफ से उन्हें खाना खिलाया था और बाद में दूध भी पिलाया था। लेकिन उन्हें क्या पता था,कि यह बेटे के साथ उनकी आखिरी मुलाकात होगी।