झाबुआ। जिले के भ्रमण पर आई स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती दीप्ति गोड़ मुखर्जी जब शासकीय हाई स्कूल करडावद बड़ी में निरीक्षण करने पहुची तो संस्था के पदस्थ अध्यापको ने प्रमुख सचिव महोदया से अध्यापक संवर्ग को 1 जनवरी 2016 से देय छटे वेतनमान की विसंगतियों से अवगत करवाते हुए ज्ञापन सोंपा। अध्यापक अरविंद रावल द्वारा प्रमुख सचिव महोदय से चर्चा कर यह बताया गया कि छटे वेतनमान के विसंगतिपूर्ण आदेशो के कारण 1998 का शिक्षाकर्मी यानी अध्यापक 2006 व 2007 के अध्यापको से कम वेतन पा रहा है।
सीनियर अध्यापको को कर्मोनन्ति पदोन्नति पर लाभ होने की बजाय छटे वेतनमान के विसंगतिपूर्ण आदेशो से नुकसान हो रहा है। अध्यापको से चर्चा के उपरांत प्रमुख सचिव महोदय ने यह कहा है कि वरिष्ठ अध्यापको का वेतन कनिष्ठ अध्यापको से कम नही होना चाहिए। मेरे सज्ञान में छटे वेतनमान में सीनियर अध्यापको का वेतन कम होने का मामला आया है। मैं भोपाल जाकर शीघ्र ही अध्यापको के छठे वेतनमान की विसंगतियों को दूर करवाकर सीनियर अध्यापको का कनिष्ठ अध्यापको से वेतन कम न हो इस सम्बंध में के सही वेतन निर्धारण करवाने के दिशा निर्देश जारी करवाती हूं।
प्रमुख सचिव मैडम से चर्चा के दौरान संस्था के अध्यापक रामचन्द् गुर्जर, रीता डामोर, संंगीता देवलिया, उर्वशी मालवीय, मुकेश तोमर, रावजी कटारा, रमिला मेडा प्राचार्य श्री शांतिलाल श्रीवास्तव व विशेष रूप से राज्य अध्यापक संघ झाबुआ के जिलाध्यक्ष व राणापुर बीआरसी मनीष पवार। शासकीय अध्यापक संंघ के जिलाधयक्ष व एपीसी संजय सिकरवार भी मौजूद थे।