
सर्वे में लोगों से यह पूछा गया कि छह महीने में योगी सरकार पब्लिक इंट्रेस्ट के फैसले लेने में कितनी कामयाब रही है? जवाब में 44.36% लोगों ने कहा कि ये सरकार जनहित के फैसले नहीं ले पाई। वहीं, 40.76% लोगों ने कहा कि योगी ने जनहित में फैसले लिए हैं। 14.89% लोगों ने कहा कि अभी इस बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
यूपी में मुस्लिम सुरक्षित लेकिन सरकार पक्षपात कर रही है
सर्वे में 46.37% लोगों ने कहा कि योगी सरकार सबका साथ-सबका विकास के नारे के मुताबिक नहीं चल रही। हालांकि, सभी सवालों पर ऐसी स्थिति नहीं रही। जब लोगों से पूछा गया कि क्या योगी सरकार आने के बाद मुस्लिमों में असुरक्षा की भावना बढ़ी है तो 59.87% लोगों ने कहा कि ऐसा नहीं हैं और योगी राज में मुस्लिम बिल्कुल सेफ हैं।
क्राइम/करप्शन में कुछ नहीं सुधरा
सर्वे में शामिल 44.32% लोगों ने कहा कि क्राइम को कंट्रोल करने के लिए योगी सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। इसके अच्छे नतीजे मिलेंगे लेकिन 49.38% लोग ऐसे भी थे जिनकी राय थी कि क्राइम, नौकरियों और डेवलपमेंट के मुद्दे पर बीते छह महीने में कोई खास बदलाव नहीं हुआ। 44.24% लोगों ने माना कि यूपी में 6 महीने में करप्शन घटा जरूर है लेकिन 66.46% लोगों का यह भी कहना था कि आज भी आम लोगों को करप्शन झेलना पड़ता है।
सीएम कट्टर हिंदूवादी, रोजगार पर कुछ नहीं किया
सर्वे में 46.38% पार्टिसिपेंट्स ने कहा कि छह महीने में योगी खुद को एक धर्म विशेष के सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट करते रहे। 29.85% लोगों ने कहा कि वे योगी को अभी भी कट्टर हिंदूवादी सीएम के रूप में देखते हैं। 53.57% लोगों ने कहा कि रोजगार के मुद्दे पर योगी का रवैया ढुलमुल है। 42.75% लोगों ने कहा कि वे योगी को खूब काम करने वाले सीएम के तौर पर देखते हैं लेकिन 39.72% लोगों ने कहा कि वे खाली बातें करते हैं।
योगी सरकार के 5 सबसे अच्छे फैसले और 5 सबसे खराब फैसलों पर जनता ने कुछ खास रायशुमारी नहीं की।