रेरा के पास रजिस्ट्री पर रोक लगाने के अधिकार ही नहीं: वाणिज्यकर विभाग

भोपाल। रियल इस्टेट रेग्यूलेशन अथॉरिटी (रेरा) में रजिस्ट्रेशन कराए बगैर भी बिल्डर रजिस्ट्री करा सकेंगे। वाणिज्यकर विभाग ने बुधवार को महानिरीक्षक पंजीयक (आईजी रजिस्ट्रेशन) को पत्र लिख साफ कर दिया है कि रेरा के पास किसी तरह से रजिस्ट्री पर रोक लगाने के अधिकार नहीं है। खुद रेरा प्रमुख अंटोनी डिसा ने भी साफ कर दिया कि उन्होंने कभी पंजीयन रोकने की बात की ही नहीं। रेरा ने तो पंजीयन विभाग को सलाह दी थी कि वे ऐसे नए या पहले से चल रहे प्रोजेक्ट की रजिस्ट्री न करें जिसके डेवलपर 31 जुलाई तक रेरा में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन ही नहीं किया है। इसको लेकर जो गलतफहमी है उसे दूर कर लिया जाएगा।

हाल ही में रेरा द्वारा आईजी रजिस्ट्रेशन को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि जो बिल्डर 31 जुलाई तक अपना रजिट्रेशन नहीं कराएंगे वह अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री नहीं करवा सकेंगे। इसके बाद 1 अगस्त से पूरे प्रदेश में रजिस्ट्री पर रोक लग गई थी। इससे बिल्डर और प्राॅपर्टी खरीदने वाले परेशान थे। इस स्थिति में आईजी रजिस्ट्रेशन ने वाणिज्यक कर विभाग से इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करने को कहा था, ताकि संपत्ति की रजिस्ट्री शुरू हो सकें।

इसके बाद वाणिज्यक कर विभाग के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव ने इस संबंध में रेरा सचिव को पत्र लिख दिया है, इसमें कहा गया है कि रजिस्ट्री व स्टाम्प एक्ट की धारा 34 व 35 में कहीं भी यह प्रावधान नहीं है कि रेरा में पंजीयन लिए बिना प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री नहीं हो सकती है, रेरा के प्रावधान कहीं भी पंजीयन अधिकारी के अधिकारों को बढ़ाते या कम नहीं करते हैं, इसलिए यह विधिक नहीं है कि रेरा में पंजीयन नहीं कराने वाले प्रोजेक्ट की रजिस्ट्री नहीं की जाए। इसके साथ ही पंजीयन विभाग ने भी सभी उप पंजीयकों को निर्देश दिए हैं कि रेरा में पंजीयन नहीं होने वाले प्रोजेक्ट की प्रॉपर्टी के यदि सौदे होते हैं और दस्तावेज पंजीयन के लिए आता है, तो इसे नहीं रोका जाए।

रेरा ने पंजीयन विभाग को 21 जून को पत्र जारी कर कहा था कि यदि कोई चल रहा प्रोजेक्ट रेरा में 31 जुलाई से पहले रजिस्टर्ड नहीं होता है तो वह विधिक नहीं होगा। इसलिए इसके दस्तावेजों का पंजीयन नहीं कराया जाए। इसके चलते एक अगस्त से बिल्डरों और आम ग्राहक को प्रॉपर्टी के दस्तावेजों का पंजीयन कराने में मुश्किल आ रही थी, और अब प्रमुख सचिव ने रेरा के इस पत्र के संदर्भ में यह पत्र जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि स्टाम्प एक्ट भी केंद्रीय एक्ट है और इसमें पंजीयन अधिकारी के दायित्व व अधिकार स्पष्ट है, जिस पर रेरा किसी तरह लागू नहीं होता है।

राजस्व पर पड़ेगा असर
वाणिज्यिक कर विभाग के सूत्रों ने बताया कि रेरा द्वारा लिखे पत्र के बाद नई रजिस्ट्री की संख्या में 20% तक की गिरावट आई है। इसका असर अगस्त के राजस्व पर दिखाई देगा। जुलाई में नई रजिस्ट्री की संख्या में 39% की बढ़ोतरी देखने को मिली थी। 

वाणिज्यक कर विभाग और रेरा में किसी तरह कोई मतभेद नहीं है। रेरा ने आईजी रजिस्ट्रेशन को केवल वस्तु स्थिति से अवगत कराया था कि ऑन गोइंग व भविष्य के प्रोजेक्ट यदि 31 जुलाई तक रेरा में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन नहीं करते हैं तो वह रेरा के तहत अवैधानिक होंगे। हमने कभी भी पंजीयन पर रोक लगाने की बात नहीं कही थी। 
अंटोनी डिसा, अध्यक्ष, रेरा

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