भोपाल। केंद्र सरकार ने GST तो लागू कर दिया परंतु उसमें ढेर सारे पेंच हैं जो एक तरफ जनता को नुक्सान पहुंचा रहे हैं तो दूसरी ओर व्यापारियों को मोटा मुनाफा। कारोबारियों ने जीएसटी के नाम पर मिट्टी से बनीं गणेश प्रतिमाओं के दाम दोगुने करने की तैयारी कर ली है। जो प्रतिमा 2016 में 215 रुपए में मिली थी अब उसे जीएसटी के नाम पर 501 रुपए में बेचा जाएगा। चौंकाने वाली बात तो यह है कि जीएसटी के नाम पर वसूली जाने वाली अतिरिक्त रकम पूरी तरह से व्यापारियों की जेब में चली जाएगी।
कारोबारियों की दलीलें क्या हैं
इस साल जीएसटी के कारण मूर्ति निर्माण की सामग्री के दाम बढ़ने के चलते 501 रुपये से कम कीमत की गणेश प्रतिमाएं श्रद्धालुओं को नहीं मिल पाएंगी। यही नहीं सार्वजनिक पंडालो में बैठने वाली प्रतिमाओं के दाम भी पिछले साल की तुलना में बढ़कर 15 से 20 प्रतिशत तक पहुंच गए हैं। मूर्तिकारों का कहना है कि जीएसटी के कारण बड़े दामों से मूर्तियां बनाने में ज्यादा लागत लगानी पड़ रही है। मूर्तिकारों का कहना है कि इस कीमत से कम में यदि वे छोटी प्रतिमाएं बेचेंगे तो उनकी लागत और मेहनत भी नहीं निकल पाएगी।
पूरा कारोबार ही बिना रजिस्ट्रेशन का है
दरअसल घरों में स्थापित किए जाने वाली भगवान श्रीगणेश की प्रतिमाओं या इस तरह की दूसरी धार्मिक प्रतिमाओं को बनाने का पूरा कारोबार ही अवैध है। इनके मूर्तिकार कोई टैक्स नहीं भरते। बड़ी संख्या में तो ऐसे मूर्तिकार भी हैं जो इंकम टैक्स रिटर्न तक नहीं भरते। इस तरह की प्रतिमाएं ना तो बिल के साथ फुटकर विक्रेताओं को बेची जातीं हैं और ना ही फुटकर विक्रेता आम जनता को बिल देता है। सवाल यह है कि जब बिल ही नहीं है तो टैक्स कैसा।
मूर्तियों पर लगा है जीएसटी, मिट्टी की मूर्तियों पर नहीं
सरकार ने मूर्तियों पर जीएसटी लागू किया है। इसमें प्लास्टर आफ पैरिस से बनाई जाने वाली प्रतिमाएं भी शामिल हैं परंतु मिट्टी से बनने वाली प्रतिमाओं का कहीं कोई जिक्र ही नहीं है। जीएसटी के दायरे में आईं करीब 1200 उत्पादों एवं सेवाओं में मिट्टी की प्रतिमाओं का जिक्र नहीं मिल रहा है। मिट्टी के बर्तनों को जीएसटी से मुक्त रखा गया है।
झंझट में क्यों पड़ें घर पर बनाइए
सबसे बढ़िया बात यह है कि इस झंझट में ही क्यों पड़ा जाए। श्रीगणेश की प्रतिमाएं तो घर पर भी बनाई जा सकतीं हैं। हजारों संस्थाएं इसके लिए काम करतीं हैं। वो फ्री में लोगों को गणेश प्रतिमाएं बनाना सिखातीं हैं। इससे बच्चों में क्रिएटिविटी भी बढ़ती है। 501 रुपए की प्रतिमा खरीदने से बेहतर है बच्चे को वर्कशॉप में भेज दिया जाए। जिनके यहां बच्चे नहीं है वो भी महज 1 घंटा खर्च करके काली मिट्टी से गणेश प्रतिमाएं बना सकते हैं। यह पर्यावरण के लिए भी अच्छा है और धर्म सम्मत भी। किसी शास्त्र में नहीं लिखा कि श्रीगणेश उत्सव के दौरान भगवान को आमंत्रित करने के लिए प्रतिमाएं खरीद कर लाएं। यह जरूर बताया गया है कि गणेश प्रतिमाएं घर पर अपने हाथों से बनाएं।