टी स्टाल कर्मचारियों को बोनस में GOLD RING, 5 स्टार होटल में फैमिली डिनर

चेन्नई। चाय की दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारियों का जिक्र आते ही जहन में एक चित्र उभरता है। आधे अधूरे कपड़े पहने हुए एक लड़का जो अत्यंत ही दयनीय हालत में है। कहते हैं चाय की दुकानों पर वही काम करता है जिसकी किस्मत उससे रूठ जाती है। वो हर तरह के शोषण से गुजरता है और न्यूनतम वेतन पर काम करता है। इतना कम कि 2 वक्त का भोजन भी मुश्किल हो जाए। लेकिन शिकागो टी स्टाल की बात कुछ और है। यूं तो यह आम चाय की दुकानों जैसी ही है परंतु इसके कर्मचारी शोषित नहीं है। उन्हे अच्छी सैलेरी तो मिलती ही है। इसके अलावा बोनस भी मिलता है। बोनस में सोने की अंगूठी, मनचाहे कपड़े और 5 स्टार होने में फैमिली डिनर भी मिलता है। 

इस दुकान के मालिक सुकुमारन अपने कर्मचारियों को अच्छी सैलरी के अलावा, सोने की अंगूठी, बोनस, कपड़े खरीदने के लिए अतिरिक्त पैसे देने के अलावा उन्हें फाइव स्टार होटल में डिनर भी कराते हैं। यह सब वह इसलिए करते हैं, ताकि कर्मचारी अपने काम में खुश रहें और अच्छी जिंदगी जी सकें। यह काम वह पिछले तीन दशक से करते आ रहे हैं। करीब 33 साल पहले सुकुमारन नौकरी की तलाश में केरल से तमिलनाडु आए थे। यहां, उन्होंने भयावह परिस्थितियों में कई चाय के स्टालों में काम किया। इसी दौरान उनका दुकान के मालिक से झगड़ा हो गया, जिसके बाद सुकुमारन ने अपनी चाय की दुकान खोल ली।

शिकागो टी स्टॉल नाम क्यों रखा
शिकागो में 1864 में हुए श्रमिक आंदोलन से प्रेरित होकर उन्होंने फैसला किया था कि वह अपने कर्मचारियों का शोषण नहीं करेंगे। उस आंदोलन में 8 घंटे काम करने की मांग कर्मचारियों की ओर से की गई थी। इसी वजह से उन्होंने अपने टी स्टाल का नाम शिकागो टी स्टॉल रखा था। हर दिन, हजारों ग्राहक नियमित रूप से दुकान पर जाते हैं, जिनमें से कुछ 10 साल से भी अधिक समय से यहां आ रहे हैं। मामूली 15 x10 फुट कमरे में चलने वाली दुकान के बावजूद सुकुमारन अपने हेड कुक को 740 रुपए, चाय बनाने वाले को 540 रुपए और प्रत्येक कर्मचारी को कम से कम 400 रुपए प्रति दिन देते हैं।

ये सुविधाएं भी देते हैं कर्मचारियों को
इसके अतिरिक्त सुकुमारन अपने कर्मचारियों को मुफ्त भोजन और रहने की सुविधा देते हैं। हर साल बोनस के रूप में कर्मचारियों को एक महीने की सैलरी अलग से दी जाती है। इतना ही नहीं, जो कर्मचारी साल में 300 दिनों तक काम करने हैं, उन्हें 2 ग्राम सोने की अंगूठी भी पुरस्कार के रूप में दी जाती है। इतना ही नहीं, उन्हें कपड़ों खरीदने के लिए 2000 रुपए का सालाना भत्ता भी देते हैं। साथ ही मई में लेबर डे के दिन उनके साथ 5-स्टार होटल में शानदार लंच करते हैं। इतना होने पर भी सुकुमारन को कोई घमंड नहीं है।

सस्ती है चाय और खाना
यह सब पढ़ने के बाद यदि आप सोच रहे हैं कि इस दुकान में चाय और नाश्ता महंगा है, तो आप गलत हैं। वह अपने कर्मचारियों को दी जाने वाली इस सुविधा का बोझ ग्राहकों पर नहीं डालते हैं। यहां महज 8 रुपए में चाय और दो इडली की एक प्लेट महज 12 रुपए में मिलती है।एग अप्पम भी 25 रुपए में मिलता है। वह नींबू और टमाटर के चावल की प्लेट महज 30 रुपए से 40 रुपए के बीच में देते हैं। उनके हजारों वफादार ग्राहकों की वजह से सुकुमारन का बिजनेस बढ़ता जा रहा है।

 
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