BJP अजा मोर्चा: कमलापत के भतीजे की नियुक्ति के विरोध में हंगामा

Bhopal Samachar
ग्वालियर। भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर विवाद गहरा गया है। भोपाल से जारी सूची में धर्मेन्द्र आर्य का नाम घोषित हुआ है जबकि यह नाम तो भाजपा जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा ने पैनल में भेजा ही नहीं था। बैकडोर से हुई इस नियुक्ति का खुलो विरोध शुरू हो गया है। संडे शाम को भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने संभागीय संगठन मंत्री शैलेन्द्र बरुआ के आॅफिस में पहुंचे और इस नियुक्ति के खिलाफ नारेबाजी की। बताया जाता है कि धर्मेन्द्र आर्य एक गैस ऐजेंसी का संचालक है एवं कमलापत आर्य का भतीजा हैै। 

रविवार शाम 4.30 बजे से भाजपा अजा मोर्चे के कार्यकर्ता मोर्चा महामंत्री संतोष गोडयाले के नेतृत्व में 38 रेसकोर्स रोड स्थित संभागीय संगठन मंत्री के कार्यालय पर एकत्र होने लगे थे। इस दौरान विरोध प्रदर्शन करने आए मोर्चा कार्यकर्ता बार-बार जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा को फोन लगाकर उनकी लोकेशन और आने का समय पूछते रहे। शाम लगभग 5.30 बजे जैसे ही जिलाध्यक्ष संभागीय कार्यालय में दाखिल हुए, उनके आते ही 'भाजपा बचाओ दलालों से' और देवेश शर्मा जिंदाबाद के नारे गूंजने लगे। तयशुदा रणनीति के तहत जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा ने कार्यकर्ताओं को शांत कराया। स्पष्ट रूप से कहा कि 'आपकी बात को उचित मंच पर कहेंगे, ये मेरे भी संज्ञान में हैं, चूकि नाम तो मैंने ही भेजे थे। गलत हुआ है तो अपुन उसको उचित मंच पर बात करेंगे।

पैनल में नहीं था धर्मेन्द्र का नाम
विगत दिवस भाजपा अजा मोर्चे के प्रदेशाध्यक्ष सूरज कैरो ने जिलाध्यक्ष के रूप में धर्मेन्द्र आर्य को नियुक्त कर दिया था। खास बात यह है कि इस पद पर तैनाती के लिए जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा ने पैनल में संतोष गोडयाले, गब्बर जाटव व मान सिंह शाक्य का नाम भेजा था। प्रदेशाध्यक्ष ने संभागीय संगठन मंत्री शैलेन्द्र बरुआ व अन्य पार्टी पदाधिकारियों से चर्चा के बाद पैनल के तीनों नाम खारिज करते हुए धर्मेन्द्र आर्य को जिले में यह जिम्मेदारी दे दी। पार्टी सूत्रों के अनुसार इन तीन नामों में से संतोष गोडयाले का नाम कुछ शिकायतों के कारण व शेष दो नाम क्षमता में कमी के कारण खारिज किए गए हैं।

संगठन मंत्री से बात करूंगा
भाजपा का एक संविधान है,उसी हिसाब से पार्टी काम करती है। अजा मोर्चे के लिए मैने जो तीन नाम भेजे थे,उसमें जो घोषणा हुई है वो नाम (धर्मेन्द्र आर्य) नहीं था। अब चूकि पार्टी का आदेश रहता है तो सिरोधार्य करते हैं । पता चला कि यहां कार्यकर्ता एकत्र हुए हैं,उनको अपनी बात रखने का हक है। जिसकी नियुक्ति है वो शहर की सूची में सक्रिय सदस्य भी नहीं है। अब कैसे घोषणा हो गई,ये जांच का विषय है। संभागीय व प्रदेश संगठन मंत्री से बात करूंगा।
देवेश शर्मा,जिलाध्यक्ष भाजपा
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!