खरगोन। गोगावां के शिवडोला और निकल रहे जुलूस में ग्रामीण उस वक्त सकते में आ गए, जब एक व्यक्ति को वहां पोहे खाते देखा। इस व्यक्ति को ही कुछ घंटे पहले ग्रामीण मृत समझकर दफना आए थे। ग्रामीणों ने इस व्यक्ति की चचेरी बहन के साथ यह क्रियाकर्म किया। इस व्यक्ति के नाम से शत-विक्षत हालत में पुलिस ने परिजनों को एक शव सौंप कर शिनाख्त करवाई थी। यह घटना समीपस्थ ग्राम सुरपाला की है। यहां 14 अगस्त को तुकाराम पिता छगन का शव पुलिस ने सौंपा था। उल्लेखनीय है कि 12 अगस्त को जिला अस्पताल परिसर में लावारिस हालत में यह शव मिला था। पुलिस ने अपनी कार्रवाई में इसे तुकाराम के रूप में पहचाना। बीमार तुकाराम सामान्य तौर पर अलग-अलग गांव में भिक्षावृत्ति करता है और अकेला रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि तुकाराम वर्षों से गांव छोड़ चुका है, परिवार में कोई नहीं।
चचेरी बहन ने किया था इंकार
बुधवार को सुरपाला के समाजसेवी मोहनसिंह व कुछ अन्य ग्रामीण शहर पहुंचे। उन्होंने कुछ अभिभाषकों से पूरे घटनाक्रम को लेकर चिंता जताई। मोहनसिंह ने बताया कि 14 अगस्त को गोगावां में तुकाराम एक दुकान पर पोहे खाते दिखा। ग्रामीण उसे देखकर चौंके और डर गए। ग्रामीणों का कहना है कि शाहपुरा में रहने वाली उसके चचेरी बहन सुमन बाई से पुलिस ने संपर्क किया। शुरुआत में सुमन ने शव को देख भाई होने से इंकार किया।
समझाइश के बाद लगा कि शव दो दिन पुराना होने के कारण पहचान में नहीं आ रहा था। इसके बाद मोहनसिंह सहित अन्य लोगों के सहयोग से दफनाया गया। इधर पुलिस के अनुसार 7 अगस्त को सेगांव अस्पताल से संबंधित व्यक्ति को जिला अस्पताल गंभीर अवस्था में रेफर किया गया था। 12 अगस्त को उसकी मौत हो गई।
चेहरा स्पष्ट नहीं
इस प्रकरण में जिला अस्पताल चौकी पर निरवस पिता परमदास के नाम से यह बीमार लावारिस हालत में दर्ज होकर उपचाररत था। प्रत्यक्षदर्शियों के सुझाव पर इसकी शिनाख्त सुरपाला के तुकाराम के रूप में की गई। शव की हालत खराब होने के कारण चेहरा स्पष्ट नहीं था। ग्रामीणों के सहयोग से दफनाया गया। पता चला है कि तुकाराम नामक व्यक्ति जीवित है। अज्ञात के पते की जांच की जाएगी।
माताप्रसाद वर्मा, थाना प्रभारी, खरगोन