
चचेरी बहन ने किया था इंकार
बुधवार को सुरपाला के समाजसेवी मोहनसिंह व कुछ अन्य ग्रामीण शहर पहुंचे। उन्होंने कुछ अभिभाषकों से पूरे घटनाक्रम को लेकर चिंता जताई। मोहनसिंह ने बताया कि 14 अगस्त को गोगावां में तुकाराम एक दुकान पर पोहे खाते दिखा। ग्रामीण उसे देखकर चौंके और डर गए। ग्रामीणों का कहना है कि शाहपुरा में रहने वाली उसके चचेरी बहन सुमन बाई से पुलिस ने संपर्क किया। शुरुआत में सुमन ने शव को देख भाई होने से इंकार किया।
समझाइश के बाद लगा कि शव दो दिन पुराना होने के कारण पहचान में नहीं आ रहा था। इसके बाद मोहनसिंह सहित अन्य लोगों के सहयोग से दफनाया गया। इधर पुलिस के अनुसार 7 अगस्त को सेगांव अस्पताल से संबंधित व्यक्ति को जिला अस्पताल गंभीर अवस्था में रेफर किया गया था। 12 अगस्त को उसकी मौत हो गई।
चेहरा स्पष्ट नहीं
इस प्रकरण में जिला अस्पताल चौकी पर निरवस पिता परमदास के नाम से यह बीमार लावारिस हालत में दर्ज होकर उपचाररत था। प्रत्यक्षदर्शियों के सुझाव पर इसकी शिनाख्त सुरपाला के तुकाराम के रूप में की गई। शव की हालत खराब होने के कारण चेहरा स्पष्ट नहीं था। ग्रामीणों के सहयोग से दफनाया गया। पता चला है कि तुकाराम नामक व्यक्ति जीवित है। अज्ञात के पते की जांच की जाएगी।
माताप्रसाद वर्मा, थाना प्रभारी, खरगोन