भोपाल। इधर राजधानी में राष्ट्रीय अध्यक्ष सीएम शिवराज सिंह की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे हैं और उधर धार जिले से भाजपा नेताओं ने शिवराज सिंह सरकार के खिलाफ इस्तीफे भेज दिए। खबर आ रही है कि कुल 30 नेताओं ने अपने इस्तीफे भेजे हैं। कड़माल मंडल जिला धार के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष सहित कई पुराने कार्यकर्ता शामिल हैं। वो सरदार सरोवार बांध की उंचाई बढ़ाए जाने के कारण डूब प्रभावित हजारों लोगों के उचित पुनर्वास के बजाए प्रशासन की डराने-धमकाने की कार्रवाई से नाराज हैं।
त्यागपत्र में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि ‘इस सरकार से हमारा भरोसा उठ गया है। जो सरकार अपने पुनर्वास के लिए लडाई लड़ रही महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करे, कार्यकर्ताओं तथा आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर को झूठे आरोपों में फंसाकर जेल में रखे और 32 साल के संघर्ष के बाद भी पुनर्वास करने की बजाय हिंसक प्रवृत्ति अपनाए, हम ऐसी पार्टी का हिस्सा नहीं रहना चाहते।’
इन बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के इस्तीफे का टाइमिंग भी सियासी तौर पर बहुत अहम है, क्योंकि पार्टी के प्रेसीडेंट अमित शाह इस वक्त भोपाल में हैं। शिवराज सरकार पर लगातार आरोप लगते रहे हैं कि गुजरात के हितों को बचाने के लिए मध्यप्रदेश के हितों को बलि पर चढ़ाया गया है। मामला चाहे नर्मदा सागर डेम का हो या गिर के शेरों का, मध्यप्रदेश भेजने का मामला हो।
अमित शाह खुश होंगे
पालिटिकल आॅब्जर्वर्स का मानना है कि भाजपा के इन नेताओं और कार्यकर्ताओं के इस्तीफे से अमित शाह की नजरों में सीएम चौहान का राजनैतिक कद और बढ़ जाएगा। अमित शाह को गुजरात के हितों के खिलाफ कोई भी फैसला कभी भी पसंद नहीं आता है। अमित शाह की नाराजगी से बचने के लिए ही सीएम चौहान ने गुजरात के हितों को देखते हुए प्रदेश के जन आक्रोश के खिलाफ जाकर सरदार सरोवर डेम की उंचाई बढ़ाने का कोई विरोध नहीं किया है।