
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एसएस बंसल के मुताबिक चुनाव आयोग के फैसले को अधिसूचना के लिए भेज दिया गया है। बंसल ने कहा कि इस फैसले से मिश्रा की 2017 की विधानसभा की सदस्यता पर असर को लेकर कहा कि मामला अदालत में होने से वे अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। राजभवन में न तो फिलहाल राज्यपाल ओपी कोहली हैं न ही उनके प्रमुख सचिव एम मोहनराव।
गवर्नर को अधिकार
इधर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने इस मसले पर कहा कि चुनाव आयोग का आदेश मिल गया है, लेकिन ये आयोग के अधिकार क्षेत्र के बाहर का मामला है। आयोग केवल जानकारी समय-सीमा में और निर्धारित प्रोफॉर्मा में न देने पर ही अयोग्य घोषित कर सकता है। बाकी मामलों में राज्यपाल ही विधायक को अयोग्य घोषित कर सकता है।
सारा दारोमदार हाईकोर्ट पर
अब नरोत्तम मिश्रा की सदस्यता को लेकर सारा दारोमदार हाईकोर्ट पर रहेगा। कोर्ट से राहत मिलने पर ही वे राष्ट्रपति चुनाव में वोट डाल पाएंगे ,ऐसा विधि विशेषज्ञों का तर्क है।