
बाद में पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे पचास से ज्यादा किसानों को हिरासत में ले लिया और संसद मार्ग पुलिस स्टेशन ले गई। प्रदर्शन कर रहे किसान केंद्र सरकार से राहत पैकेज और कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं। पिछली दफा प्रदर्शन के दौरान किसानों की आवाज अनसुनी रह गई थी। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने की उनकी मांग को अनसुना कर दिया गया।
मार्च अप्रैल के दौरान किसानों के समूह ने अपने प्रदर्शन के तरीकों से मीडिया में खूब सुर्खिया बटोरीं। जंतर मंतर पर मानव कंकाल के हिस्सों जैसे खोपड़ी और हड्डियों के साथ किसानों ने अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन किया। किसी दिन उन्होंने सिर और दाढ़ी मुड़वाई तो किसी दिन नंगे होकर प्रदर्शन किया। चाहे वो प्रधानमंत्री कार्यालय हो या जंतर मंतर की सड़कें।
40 दिन तक चले अपने प्रदर्शन को 25 मार्च के दिन स्थगित करने के बाद किसानों ने कहा था कि वो एक दिन फिर लौटकर आएंगे और 16 जुलाई को तमिलनाडु के किसान एक बार फिर लौट आए हैं। ज्ञात रहे कि सोमवार से संसद का मानसूत्र शुरू होने वाला है। इसके अलावा प्रदर्शनकारी किसानों की मांग है कि देश के सभी किसानों को पेंशन दी जाए और उच्च लाभांश मिले. साथ ही कावेरी वॉटर मैनेजमेंट बोर्ड बनाया जाए।