कोलार से लालघाटी तक भगवा हो गया था भोपाल: कर्मश्री की कांवड़ यात्रा

भोपाल। श्रावण सोमवार को राजधानी में कोलार रोड के ग्रामीण क्षेत्र से लेकर लालघाटी गुफा मंदिर तक के मार्ग पर पड़ने वाली हर सड़क और चौक चौराहा भगवा रंग में रंगा नजर आया। अवसर था ‘‘कर्मश्री’’ की 10 वीं कांवड़यात्रा के भोपाल पहुंचने का। सोमवार सुबह 8 बजे यात्रा मार्ग में पड़े भोपाल ग्रामीण के सबसे पहले गांव रानी पिपलिया से लेकर देर शाम साढ़े 7 बजे लालघाटी स्थित गुफा मंदिर पहुंचने तक रास्ते में हर चैक चैराहे पर कांवड़ियों जोरदार स्वागत हुआ। सैकड़ों जगह स्वागत मंच सजाए गए थे और स्वागत द्वारों से पूरा शहर पटा हुआ था। कोलार क्षेत्र में तो हर दस कदम पर स्वागत मंच बने हुए थे जिन पर चढ़कर लोग कांवड़ियों पर फूल बरसा रहे थे तो उन्हें जलपान भी करा रहे थे। 

551 स्थानों पर हुआ स्वागत
रानी पिपलिया से लेकर कोलार तिराहे तक लगभग 251 स्थानों कांवड़ियों का स्वागत हुआ और लगभग 300 से अधिक स्थानों पर इसके बाद स्वागत हुआ। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान की धर्मपत्नि श्रीमती साधनासिंह ने कमला पार्क के पास कांवड़ियों का स्वागत किया। मध्य विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह और रविंद्र अवस्थी ने चैक पर स्वागत किया। विधायक विष्णु खत्री एवं भाजपा ग्रामीण जिलाध्यक्ष गोपालसिंह मीणा सहित पदाधिकारियों द्वारा रविंद्र भवन के पास कांवड़ियों का स्वागत किया गया। बौद्ध विहार के सामने शाक्यपुत्र भंते सागर और अन्य अनुयाईयों ने कांवड़यात्रा के संयोजक-विधायक रामेश्वर शर्मा सहित सभी कांवड़ियों का स्वागत किया। 

कहां किसने किया स्वागत 
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत के नेतृत्व में बिट्टन मार्केट के पास कांवड़यात्रा का स्वागत किया गया। कोलार क्षेत्र में पार्षद श्रीमती फूलवती श्यामसिंह मीणा, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, रविंद्र यति के नेतृत्व में कांवड़ियों का स्वागत हुआ। भाजपा प्रदेश कार्यालय के पास पार्षद कामता पाटीदार, मंडल अध्यक्ष हरिनारायण पटेल, तेजसिंह पटेल, आलोक मालवीय, महेश तिवारी, रामचरण गौर, कैलाश दिवाकर सहित अन्य भाजपा नेताओं ने कांवड़ियों का स्वागत किया। प्रजापिता ब्रम्हकुमारी आश्रम के सामने ब्रम्हकुमारी आश्रम की बहनों ने, कोलार तिराहे पर श्रीमती संगीता शर्मा, अथर्व शर्मा, गौरीशंकर गोयल, मनीष भार्गव, विक्रम पांडे, विजय खण्डेलवाल सहित पत्रकार कालोनी के रहवासियों द्वारा स्वागत किया गया। गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा कोह-ए-फिजा पर और लालघाटी चैराहे पर संतनगर एवं गांधीनगर मंडल के सभी पार्षदों एवं भाजपा नेताओं द्वारा स्वागत किया गया। इसके अलावा कमला पार्क, मोती मस्जिद, कफर््यू वाली माता मंदिर, राॅयल मार्केट, हमीदिया, स्टेट बैंक चैराहा तक हर पचास कदम पर और लालघाटी से लेकर गुफा मंदिर तक हर दस कदम पर कांवड़ियों का स्वागत हुआ। कांवड़ियों के स्वागत हेतु उत्साह का आलम यह था कि मानो पूरा भोपाल ही स्वागत में उमड़ पड़ा हो।

आदिवासी लोकनृत्य और आकर्षक झांकी सजा कर किया स्वागत
कांवड़यात्रा के स्वागत के लिए जनप्रतिनिधियों, जनसंगठनों एवं नागरिकों में कितनी ललक थी इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कांवड़ियों के स्वागत के लिए लोगों ने अनूठे तरीके अपनाएं। कोलार में आदिवासी लोकनर्तकों के दल ने शानदार आदिवासी नृत्य के साथ कांवड़यात्रा की आगवानी की तो भाजपा कार्यालय पर भी लोकनृत्य के साथ कांवड़ियों का स्वागत हुआ। कोलार में वार्ड 83 में ट्राॅली पर आकर्षक शिवलिंग की झांकी बनाई गई थी जबकि वार्ड 80 में आकर्षक मंच पर बाबा बर्फानी की झांकी निर्मित की गई थी। कोलारा मंे ही एक मंच पर शिवजी पर आधारित नाटक का मंचन किया जा रहा था। इन सभी मंचों से कांवड़ियों का स्वागत किया गया। वार्ड 83 में कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा करने के लिए क्रेन लगाई गई थी जिस पर चढ़कर कांवड़ियों पर फूल बरसाए गए। कोलार में हर 10 कदम पर कांवड़ियों के स्वागत के लिए स्वागत द्वार और मंच सजाए गए थे। 

गु्फा मंदिर में किया नर्मदाजल से हुआ अभिषेक 
कांवड़यात्रा के संयोजक-विधायक रामेश्वर शर्मा सहित सभी कांवड़ियों ने श्रावण सोमवार की देर शाम तक प्रसिद्ध गुफा मंदिर में भगवान शिव के आशुतोष स्वरूप का कांवड़ में लाए नर्मदा जल से जलाभिषेक किया। यहां गुफा मंदिर के महंत चंद्रमादास त्यागी के मार्गदर्शन में 101 पुजारियों द्वारा विधिविधान से कांवड़ियों से जलाभिषेक कराया गया। सांय 7ः30 बजे सबसे पहले कांवड़यात्रा के संयोजक-विधायक रामेश्वर शर्मा ने प्राचीन कंदरा में स्थित शिवलिंग पर विद्वान पुरोहितों द्वारा किए जा रहे मंत्रोच्चारण के साथ जलाभिषेक किया। तत्पश्चात सभी कांवड़ियों द्वारा बारी-बारी से कांवड़ जल भगवान को अर्पित किया गया। भगवान को कांवड़जल अर्पित करने का क्रम जो साढ़े 7 बजे से शुरू हुआ तो देर रात 10 बजे तक लगातार चलता रहा। श्री शर्मा ने कहा कि भगवान का जलाभिषेक कर मध्यप्रदेश की खुशहाली के लिए प्रार्थना की है।

प्रतिदिन हुआ राष्ट्रगान, पूरे समय फहराया तिरंगा
‘कर्मश्री’ की 10 वीं कांवड़यात्रा में इस बार धर्म के साथ-साथ राष्ट्र की पूजा भी की गई। कांवड़यात्रा आरंभ करने के पहले होशंगाबाद के सेठानी घाट पर 8 हजार कांवड़ियों ने तिरंगा फहरा कर सामहिक राष्ट्रगान किया। इसके बाद जब कांवड़यात्रा आरंभ हुई तो दो कांवड़िए यात्रा के आगे-आगे लगातार राष्ट्रध्वज हाथ में लिए चलते रहे। प्रतिदिन की कांवड़यात्रा आरंभ करने के पहले और पड़ाव पर विश्राम के पहले भी राष्ट्रगान होता रहा। कांवड़यात्रा के संयोजक-विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कांवड़यात्रा के विभिन्न संकल्पों में राष्ट्रचेतना के प्रसार का संकल्प भी हमने लिया है। इस हेतु कांवड़यात्रा के कांवड़िए तिरंगा हाथ में लेकर चलते रहे। उन्होने कहा कि इस वर्ष हमने तिरंगे साथ-साथ नर्मदा सेवा यात्रा का ध्वज भी कांवड़यात्रा में लगातार फहराया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा नर्मदा के संरक्षण के लिए विश्व का सबसे बड़ा अभियान छेड़ा गया है। इसके बहुत अच्छे परिणाम सामने आएंगे।

111 किमी पैदल चलकर आए 8 हजार कांवड़िए
श्रावण मास में पिछले 8 वर्षों से निकाली जा रही ‘‘कर्मश्री’’ की कांवड़यात्रा का यह 10 वां वर्ष था। इस बार की यात्रा 29 जुलाई शनिवार की सुबह होशंगाबाद के प्रसिद्ध नर्मदा तट सेठानी घाट से आरंभ हुई थी। कांवड़यात्रा में शामिल 8 हजार कांवड़िए यहां से नर्मदा जल कांवड़ में भरकर भोपाल की ओर रवाना हुए थे। तीन दिनों में कुल 111 किमी की पैदल यात्रा कर कांवड़िए सोमवार की सांय लालघाटी स्थित गुफा मंदिर तक पहुंचे।

यात्रा मार्ग में चलाया जनजागरण अभियान
जनजागरण के विभिन्न मुद्दों को कांवड़यात्रा का उद्देश्य बनाया गया था।  कांवड़यात्रा के संयोजक-विधायक रामेश्वर शर्मा ने बताया कि हमारे द्वारा पिछले कुछ वर्षों से कांवड़यात्रा में बेटी बचाओ, गोवंश बचाओ, जल बचाओ, वृक्ष लगाओ, धर्म जागरण, स्वच्छता, युवाओं में राष्ट्र के प्रति चेतना और नशामुक्ति के अभियान हेतु संकल्प शामिल किए गए हैं। इस बार भी इन विषयों पर कांवड़यात्रियों से तो संकल्प कराया ही गया, साथ यात्रा मार्ग में विभिन्न स्थानों पर इन विषयों के प्रति जागरूकता लाने का काम भी किया गया है। ओबेदुल्लागंज में वृक्षारोपण, कांवड़यात्रा के सामने राष्ट्रध्वज उठाए कांवड़ियों को चलाना, इन सभी से जनजागरण का संदेश गया है। उन्होने कहा कि लगभग 600 से अधिक स्थानों से आए कांवड़िए जब वापस अपने घर लौंटेंगे तो वह अपने अपने स्थानों पर इन विषयों के संबंध में समाज को जागरूक करने का प्रयास करेंगे। 

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