
बुधवार को न्यायमूर्ति शील नागू की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता धन्यकुमार जैन ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि पूर्व में याचिकाकर्ता ने जनपद अध्यक्ष उमा तिवारी और उसके पति पप्पू तिवारी के भ्रष्टाचार के खिलाफ स्वर बुलंद किया था। हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की गई थी। इसी वजह से वे दुर्भावना रखने लगे। चूंकि दोनों सत्तारूढ़ राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी से संबंधित हैं, अतः राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर सागर कलेक्टर पर दबाव बनाकर 22 फरवरी 2017 को मनमाने तरीके से जिलाबदर का आदेश पारित करवा लिया। यह जिला बदर आदेश सुनवाई का अवसर दिए बगैर पारित करवाया गया, अतः नैसर्गिक न्याय सिद्घांत के तहत निरस्त किए जाने योग्य है।
होम मिनिस्टर के वॉट्सएप गु्रप का एडमिन
बहस के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता धन्य कुमार जैन ने खुलकर आरोप लगाया कि पप्पू तिवारी राज्य के होम मिनिस्टर भूपेन्द्र सिंह फैंस क्लब नामक वॉट्सएप ग्रुप का एडमिन है। इसीलिए उसने अपनी पहुंच का दुरुपयोग करके व्यक्तिगत दुश्मनी भुनाने जिलाबदर की कार्रवाई करवाई।